फिलहाल सस्ता नहीं होगा आपका इंश्योरेंस, निर्मला सीतारमण ने सुनाया GST Council का ये फैसला
GST Council 54th Meeting Decisions :माल एवं सेवाकर (GST) से जुड़े मामलों पर अंतिम फैसला लेने वाली जीएसटी काउंसिल की 54वीं बैठक में सोमवार को एक बड़ा निर्णय लिया गया. बैठक की अध्यक्षता कर रहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाले 18 प्रतिशत जीएसटी टैक्स में कमी करने को लेकर परिषद में व्यापक सहमति बन गई है. हालांकि इस पर अंतिम फैसला जीएसटी परिषद की नवंंबर में होने वाली अगली बैठक में लिया जाएगा.
उन्होंने जानकारी दी कि बीमा प्रीमियम पर टैक्स रेट में कटौती को लेकर मंत्रियों का एक नया समूह (GoM) विचार करेगा. इसकी रिपोर्ट अक्तूबर के अंत तक आएगी, जिसके बाद जीएसटी परिषद इस पर फैसला लेगी.
बिहार के मंत्री होंगे GoM के हेड
वित्त मंत्री ने बताया कि बिहार के वित्त मंत्री सम्राट चौधरी इस मंत्री समूह का नेतृत्व करेंगे. जीओएम की बैठक 23 सितंबर को हो सकती है. जीएसटी काउंसिल की बैठक में हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी की दर को मौजूदा 18 प्रतिशत से कम करने पर सहमति बन चुकी है. हालांकि अंतिम फैसला अगली बैठक में ही होगा. मंत्री समूह वरिष्ठ नागरिकों के लिए बीमा, जीवन बीमा, टर्म इंश्योरेंस, समूह बीमा से संबंधित मामलों पर भी चर्चा करेगा.
इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स की दर को सटीक बनाने के लिए रेट फिटमेंट कमेटी की एक रिपोर्ट सोमवार को जीएसटी परिषद के समक्ष पेश की गई. रिपोर्ट में लाइफ, हेल्थ और री-इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी कटौती और उसके प्रभाव से जुड़े डेटा का एनालिसिस प्रस्तुत किया गया. फिटमेंट कमेटी में केंद्र और राज्यों के कर अधिकारी शामिल होते हैं.
हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी का मुद्दा काफी वक्त से चर्चा में है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री को एक पत्र लिखकर इस टैक्स से राहत देने की अपील की थी, तब से ही विपक्ष इस मुद्दे को राजनीतिक विमर्श का हिस्सा बनाए हुए है. वहीं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी संसद में बजट पर चर्चा के बाद अपने जवाब में इस मुद्दे को जीएसटी काउंसिल में उठाने की बात कही थी.
बीमा प्रीमियम पर टैक्स से इतनी होती है कमाई
एजेंसी की एक खबर के मुताबिक देश के अधिकतर राज्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी दरों में कटौती के पक्ष में हैं, क्योंकि सरकार के मंथली जीएसटी कलेक्शन में बढ़ोतरी के चलते टैक्सपेयर्स को राहत देने की गुंजाइश बनी हुई है. यदि जीएसटी दरें कम की जाती हैं तो यह करोड़ों पॉलिसी होल्डर्स के लिए फायदेमंद होगा क्योंकि इससे उनका इंश्योरेंस प्रीमियम सस्ता हो जाएगा. जीएसटी व्यवस्था से पहले बीमा के प्रीमियम पर सर्विस टैक्स लगता था. साल 2017 में जीएसटी लागू होने पर इस टैक्स को जीएसटी में शामिल कर लिया गया था.
वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र और राज्यों ने हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी के जरिये 8,262.94 करोड़ रुपए जमा किए थे. वहीं हेल्थ री-इंश्योंरेंस प्रीमियम पर जीएसटी के रूप में 1,484.36 करोड़ रुपए वसूले गए.
₹2000 से कम के ट्रांजेक्शन पर जीएसटी
इस बीच उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जीएसटी परिषद की बैठक को लेकर एक बड़ा अपडेट भी दिया है. उनका कहना है कि जीएसटी काउंसिल में 2000 रुपए से कम के ऑनलाइन ट्रांजेक्शंस पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने का मुद्दा भी आया था. इस पर आगे और विचार-विमर्श के लिए इसे फिटमेंट कमेटी के पास भेज दिया गया है. फिटमेंट कमेटी अपनी रिपोर्ट जीएसटी काउंसिल को देगी, जिसके बाद इस पर फैसला हो सकता है.