Amazon से महंगा हो सकता है शॉपिंग करना, कंपनी ने बढ़ाए ये चार्जेस

अगर आप भी अमेजन से शॉपिंग करते हैं, तो आने वाले दिनों में ये आपके लिए महंगी हो सकती है. अमेजन ने सेलर्स से वसूले जाने वाले कुछ चार्जेस को बढ़ाया है, तो कुछ सामानों के डिलीवरी चार्जेस बदले हैं. इसका असर आने वाले दिनों आखिरकार ग्राहकों पर ही पड़ने की संभावना है. चलिए जानते हैं कि अमेजन ने कौन-कौन से चार्जेस बदले हैं.

अमेजन, एक ऑनलाइन मार्केटप्लेस है. इसलिए कई सारे सेलर्स यहां खुद अपना सामान लिस्ट करके बेचते हैं. इसके बदले में अमेजन उन सेलर्स से कुछ चार्जेस वसूल करता है और उन्हें स्टॉकिंग से लेकर डिलीवरी तक की सर्विस देता है. हालांकि इन चार्जेस को सेलर्स अपने मार्जिन में जोड़कर आखिरकार ग्राहक से ही वसूलते हैं. अमेजन का कहना है कि चार्जेस में अभी जो बदलाव किया गया है, वह महंगाई और ब्याज दरों के अनुरूप है. साथ ही ये इंडस्ट्री में प्रचलित चार्जेस के हिसाब से ही बदले गए हैं.

अमेजन ने बदले सेलर्स के ये चार्जेस

अमेजन ने शनिवार को एक बयान में कहा कि कंपनी 7 अप्रैल से अपने सेलर चार्जेस बदलने जा रही है. ऐसे में ‘अमेजन डॉट इन’ पर रजिस्टर सभी सेलर्स को नए चार्जेस के हिसाब से ही बिलिंग की जाएगी.

अमेजन का कहना है कि अब से रेफरल फीस, क्लोजिंग फीस और वजन (वेट) हैंडलिंग फीस में बदलाव होने जा रहा है. अब से 1,000 रुपए या उससे अधिक के एवरेज ऑर्डर के लिए क्लोजिंग फीस में 3 रुपए की बढ़ोतरी की गई है. इसी तरह हैंडलिंग और लॉजिस्टिक कॉस्ट में महंगाई के अनुरूप बढ़ोतरी की गइ है. साथ ही वजन हैंडलिंग चार्जेस भी 2 रुपए बढ़ाए गए हैं.

कुछ सामानों पर बदले गए चार्जेस

अमेजन पर अब अपैरल, चादर, कुशन कवर और बर्तन जैसी कैटेगरी के लिए रेफरल शुल्क कम किया जाएगा. जबकि साइंटिफिक सप्लाई, चिमनी, लैपटॉप बैग और टायर सेगमेंट में बढ़ाया जाएगा. इतना ही कंपनी ने जीरो फीस फुलफिलमेंट की पॉलिसी को भी खत्म कर दिया है. ऐसे में अब 20,000 रुपए से ऊपर के जो ऑर्डर होंगे, उन पर वेट हैंडलिंग एवं डिलीवरी चार्ज देना होगा. ये 30 अप्रैल 2024 से लागू हो जाएगा. वहीं हर फीस पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी भी देना होगा.

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