बजट सत्र के लिए पटनायक की पार्टी का प्लान तैयार, बढ़ेगी बीजेपी की टेंशन?

लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल (BJD) का रुख थोड़ा आक्रामक है और इसका असर बजट सत्र में पड़ने वाला है. 22 जुलाई से शुरू होने वाले बजट सत्र के लिए बीजेडी का प्लान तैयार है और इससे बीजेपी की टेंशन बढ़ सकती है. नवीन पटनायक शुक्रवार को बीजेडी संसदीय दल के अध्यक्ष चुने गए.
इसके बाद से इस बात की चर्चा तेज हो गई कि बजट सत्र में बीजेडी आक्रामक रुख अख्तियार करने वाली है. बीजेडी नेताओं का कहना है कि उनका टारेगट बीजेपी का और अधिक आक्रामक तरीके से मुकाबला करना है. इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बीजेडी के राज्यसभा सांसद सुलाता देव ने कहा कि संसद में ओडिशा की आवाज को आक्रामक तरीके से उठाया जाएगा.
बीजेडी संसदीय दल की बैठक में नवीन पटनायक ने अपने सांसदों से एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने और संसद में ओडिशा के हित के मुद्दों पर बात रखने की बात कहीं. पटनायक ने अपने सांसदों से बीजेपी के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने को भी कहा. राज्यसभा में दरअसल बीजेडी के 9 सांसद हैं. मानसून सत्र में भी बीजेडी ने बीजेपी के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया था.
28 जून को बीजेडी सांसदों NEET और NET पेपर लीक के मुद्दे पर इंडिया गठबंधन का समर्थन किया था और सदन में इस पर चर्चा की मांग करते हुए राज्यसभा से वॉकआउट किया था. ऐसा लगता है कि इस बार भी वही होने की उम्मीद है.
संसदीय दल की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में बीजेडी नेता सस्मित पात्रा ने कहा कि पिछला संसद सत्र कुछ दिनों के लिए था. सभी ने देखा कि बीजेडी विभिन्न अवसरों पर केंद्र का कितना जोरदार विरोध किया था. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान, बीजेडी पहली पार्टी थी जिसने पीएम के जवाब के दौरान वॉकआउट किया. यह बिल्कुल स्पष्ट है कि बीजेडी एक आक्रामक और मजबूत विपक्षी दल के रूप में काम करता है और ऐसा करना जारी रखेगा.
राज्यसभा में पार्टियों की क्या है स्थिति?
दरअसल, राज्यसभा में एनडीए की संख्या घटकर 101 हो गई है. पिछले शनिवार को चार मनोनीत सदस्य रिटायर हो गए. इसके बाद बीजेपी के सांसदों की संख्या 86 रह गई है. वहीं, कांग्रेस के सांसदों की संख्या 26 है. 22 जुलाई को बजट पेश होने जा रहा है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि संसद में बीजेपी के सांसदों के घटने से क्या पार्टी की मुश्किलें बढ़ेंगी. अभी राज्यसभा में 226 सांसद हैं और 19 सांसदों के पद खाली हैं. इसमें बहुमत का आंकड़ा 114 है. बहुमत के आंकड़े से एनडीए की 13 सीटें कम हैं. ऐसे में एनडीए के सामने नए बिलों को पास कराने में कुछ मुश्किलें आ सकती हैं.

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