बदलापुर यौन शोषण: सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को 2021 के निर्देश को लागू करने का दिया आदेश

महाराष्ट्र में बदलापुर में नाबालिगों के यौन उत्पीड़न के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने बचपन बचाओ आंदोलन मामले में दिए गए आदेश की प्रति सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को देने का निर्देश दिया है. इस फैसले में स्कूलों की जिम्मेदारी तय की गई है और सुरक्षा संरक्षण के उपाय भी सुझाए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी राज्य उसके आदेश के दिशानिर्देशों को लागू करें.
आज की सुनवाई में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) और केंद्र सरकार के वकील मौजूद रहे. मौजूदा याचिका पर सुनवाई की मंजूरी देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिका में मांग में संशोधन करें, क्योंकि पहले ऐसे मामले पर अदालत की ओर से दिशा निर्देश जारी किए थे जो केंद्र और राज्यों को लागू करना अनिवार्य है. अदालत ने अपने 2021 के आदेश की प्रति तत्काल सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को भेजने का निर्देश दिया.
सुप्रीम कोर्ट बोला एनसीपीसीआर करेगा निगरानी
इसके साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनसीपीसीआर उसके निर्देशों को लागू कराने की निगरानी करेगा और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश दिशा निर्देश लागू करने के संबंध में एनसीपीसीआर के समक्ष स्टेटस रिपोर्ट पेश करेंगे.
बचपन बचाओ आंदोलन मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से जो गाइडलाइन जारी की गई थी उसमें कहा गया है कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम का उद्देश्य सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में स्कूल प्रबंधन के लिए स्पष्ट जवाबदेही सुनिश्चित करना है. वे निवारक शिक्षा, रिपोर्टिंग प्रक्रियाओं, कानूनी प्रावधानों, सहायता सेवाओं और एक सुरक्षित और अनुकूल शिक्षण वातावरण को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करते हैं.
स्कूल में हुआ था नाबालिग छात्राओं को यौन शोषण
पिछले महीने ठाणे के बदलापुर में दो नाबालिग छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था. घटना से नाराज भीड़ ठाणे स्टेशन पर प्रदर्शन करने लगी थी. जमकर तोड़फोड़ करते हुए पथराव भी किया था. घटना को लेकर परिजनों ने आरोप लगाया था कि स्कूल में छात्राएं सुरक्षित नहीं हैं.
नाराज अभिभावकों ने सरकार ने आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हुए उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की थी. इस मामले में सरकार की ओर से आश्वासन के बाद नाराज अभिभावकों ने अपने प्रदर्शन को खत्म कर दिया था.

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