मेरे जीवन का मिशन ही राम मंदिर था… अयोध्या को लेकर बोलीं साध्वी ऋतंभरा

श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाली और आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहीं साध्वी ऋतंभरा ने कहा है कि मेरे मेरे जीवन का मिशन ही राम मंदिर का निर्माण था. पहले मुक्ति और अब भव्य राम मंदिर वो पूरा हुआ. अब जीवन बोनस है. भगवान राम को अपनी जन्मभूमि बहुत प्यारी थी.

TV9 भारतवर्ष से खास बातचीत करते हुए साध्वी ऋतंभरा ने कहा है कि राम बनकर जीने के लिए उनका साथ, सामर्थ और शौर्य चाहिए, बहुत संघर्ष था, लेकिन ये कदम रूक नहीं सकते थे. सड़कों से लेकर कानून के गलियारों में भी लड़ाई लड़ी गई, अब वो लक्ष्य प्राप्त हो चुका है. जैसे सालों से खोए प्रेमी प्रेमिका मिल जाए ऐसा लगता है. न तो कुछ बोला जा रहा है और न ही बिना बोले रहा जा रहा है.

पीएम की दीपावली वाली अपील पर क्या बोलीं ऋतंभरा?

उन्होंने कहा, 22 जनवरी की दीपावली खास है क्योंकि अयोध्या में तो तब राम जी 14 वर्ष बाद लौटे थे लेकिन यहां तो 500 साल संघर्ष चलता रहा. हमारी आस्था के दिए जल गए. हमारे स्वाभिमान की ज्वाला प्रकट हो गई है. पहले हमारा स्वाभिमान खंड खंड था, अब दोबारा खड़ा हो गया है. उसके लिए सरयू नदी के जल से संकल्प लेना था, कंकर कंकर शंकर होना था.

‘कई कांग्रेसी भी बोलते थे आप अच्छा काम कर रही हैं’

ऋतंभरा ने आगे कहा, पहले मेरी बहुत सभाएं होती थीं, लेकिन कई बार जब हम ट्रेन से जाते थे तो हर स्टेशन पर सभा होती थी. जय श्री राम के नारे लगते थे. पूरा प्लेटफार्म भर जाता था. कांग्रेसी नेता भी पैर छूकर बोलते थे कि आप बहुत अच्छा काम कर रही हैं. मेरे प्रभु राम ने अहिल्या को पत्थर से प्रकट किया था.

अब आगे क्या संकल्प है आपका?

अब आगे के संकल्प के बारे में पूछे जाने पर साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि हमारे सभी संतों का संकल्प है कि बाबा विश्वनाथ, कृष्ण जन्मभूमि, श्रीराम जन्मभूमि ये हमारे तीन प्रमुख स्थान हैं. बहुत सौहार्द से हमें मिल जाना चाहिए, लेकिन अब 500 साल नहीं लगेंगे. अब सबजागरूक हो चुके हैं.

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