बाजार को भाए मोदी 3.0 के 100 दिन, निवेशकों ने कमाए 38 लाख करोड़
अबकी बार 400 पार के नारे के साथ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चुनाव कैंपेन का आगाज किया था तो सभी एग्जिट पोल ने 3 जून को उसी को फॉलो करते हुए अपने आंकड़ें पेश किए. उस दिन शेयर बाजार में 3 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिली. देश की तमाम बड़ी कंपनियों के शेयर 52 हफ्तों के हाई पर पहुंच गए. फिर चाहे वो रिलायंस इंडस्ट्रीज हो, या फिर टीसीएस. अडानी ग्रुप की कंपनियों का नाम भी इस फेहरिस्त में रख सकते हैं. एसबीआई और एलआईसी भी इसी लिस्ट में शामिल था. 4 जून को जब नतीजे आए तो बीजेपी अपने दम पर बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर सकी और शेयर बाजार इन आंकड़ों को हजम नहीं कर सका. 4 जून को कारोबारी सत्र के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी 9 फीसदी तक टूट गए.
ये बात अलहदा है कि बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों के साथ गठबंधन बनाकर एनडीए की सरकार बनाई. 9 जून को नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. खैर कोई इस सरकार को बैसाखियों की सरकार कहना है तो कोई एनडीए की. तो कोई इसे मोदी 3.0 सरकार कहने से भी नहीं चूक रहा है. सरकार को बने हुए पूरे 100 दिन बीत चुके हैं. इन 100 दिनों में शेयर बाजार के मूड का अंदाजा बिल्कुल जिस तरह का लगाया जा रहा था, पूरा विपरीत दिखा. इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी ने निवेशकों को 7 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया. निवेशकों की झोली में 38 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा आए. मतलब साफ है कि शेयर बाजार ने मोदी 3.0 सरकार को पूरी तरह से अपना लिया है. तो आइए समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर इन 100 दिनों में शेयर बाजार के आंकड़ें किस तरह के देखने को मिले हैं.
100 दिनों में शेयर बाजार का परफॉर्मेंस
मोदी 3.0 सरकार के गठन को 100 दिन पूरे हो चुके हैं. ऐसे में शेयर बाजार का परफॉर्मेंस बिल्कुल भी खराब नहीं कहा जा सकता है. इस दौरान के आंकड़ों को देखें सेंसेक्स ने निवेशकों को 7 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है. सरकार के गठन के बाद 10 जून को सेंसेक्स 76,490.08 अंकों पर बंद हुआ. 10 सितंबर को सेंसेक्स मामूली तेजी के साथ 81,921.29 अंकों पर पहुंच चुका है. इस दौरान सेंसेक्स में 5,431.21 अंकों का इजाफा देखने को मिल चुका है. यानी निवेशकों को सेंसेक्स ने 7.10 फीसदी का रिटर्न दिया है.
वहीं बात नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के प्रमुख सूचकांक निफ्टी की करें तो उसे सेंसेक्स से ज्यादा रिटर्न दिया है. आंकड़ों के अनुसार 23,259.20 अंकों पर देखने को मिला था. 10 सितंबर को निफ्टी 100 से ज्यादा अंकों की तेजी के साथ 25,041.10 अंकों पर बंद हुआ. इसका मतलब है कि निफ्टी में इस दौरान 1,781.9 अंकों की तेजी देखने कोे मिल चुकी है. इस दौरान निफ्टी ने निवेशकों को 7.66 फीसदी का रिटर्न दिया है जोकि सेंसेक्स के मुकाबले ज्यादा है.
उससे पहले क्या थी स्थिति
10 जून से शेयर बाजार की स्थिति भले ही फायदे वाली रही हो, लेकिन इन 100 के दिनों के मुकाबले कम ही रही. इस साल की शुरुआज से लेकर 7 जून तक यानी शपथ ग्रहण समारोह से पहले तक सेंसेक्स ने निवेशकों को बाद के 100 के दिनों के मुकाबले कम रिटर्न दिया है. आंकड़ों के अनुसार सेंसेक्स 29 दिसंबर के बाद 72,240.26 अंकों से 7 जून तक 76,693.36 अंकों तक पहुंच गया. इसका मतलब है कि सेंसेक्स ने इस दौरान तक 4,453.1 अंकों की छलांग लगाई जो कि 6.16 फीसदी का इजाफा दर्शा रहा है. अगर बात निफ्टी की करें तो यहां भी इन 100 के मुकाबले रिटर्न मामूली रूप से कम ही दिखाई दे रहा है. 29 दिसंबर को निफ्टी 21,731.40 अंकों पर बंद हुआ था. उसके बाद 7 जून तक निफ्टी ने 1,558.75 अंकों की छलांग लगाई और 23290.15 अंकों पर बंद हुआ. इसका मतलब है कि निवेशकों ने निफ्टी ने 7.17 फीसदी कर रिटर्न दिया है.
निवेशकों को 38 लाख करोड़ से ज्यादा का फायदा
अगर बात निवेशकों के फायदे यानी बीएसई मार्केट कैप की करें तो इस दौरान 38 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का इजाफा देखने को मिला है. आंकड़ों के अनुसार 10 जून को बीएसई का मार्केट कैप 4,25,22,164.95 करोड़ रुपए का देखने को मिला था. जो बढ़कर 10 सितंबर को 4,63,49,659.43 करोड़ रुपए पर आ गया है. इसका मतलब है कि बीएसई के मार्केट कैप में 38,27,494.48 करोड़ रुपए का फायदा हो चुका है. अगर बात उससे पहले की करें तो भले ही सेंसेक्स और निफ्टी उस दौरान इन 100 दिनों के मुकाबले कम इजाफा देखने को मिला हो, लेकिन मार्केट कैप में तेजी जबरदस्त देखने को मिली. 29 दिसंबर 2023 को बीएसई का मार्केट कैप 3,64,28,846.25 करोड़ रुपए था, जो 7 जून को बढ़कर 4,23,49,447.63 करोड़ रुपए तक आ गया था. इसका मतलब है कि निवेशकों की झोली में इस दौरान 59 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा आए.