भारत में 50 फीसदी लोग नहीं है फिजिकली एक्टिव, 1 घंटे भी नहीं करते एक्सरसाइज, द लैंसट की स्टडी में दावा

एक्सरसाइज करने से न सिर्फ हमारा शरीर फिट और हेल्दी रहता है बल्कि इतने बिजी लाइफस्टाइल में दिमाग पर भी इसका पॉजिटिव असर पड़ता है. शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर रहता है, हाई ब्लड प्रेशर की समस्या दूर होती है, नींद न आने की समस्या दूर होती है, वगैरह वगैरह. साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिट इंडिया कैंपन भी लॉच किया था ताकि लोगों को शारीरिक गतिविधियों की अहमियत बताई जा सके. लेकिन लैंसट के हालिया अध्ययन में दावा किया गया है कि 2022 में भारत में लगभग 50 फीसदी व्यस्क शारीरिक रूप से एक्टिव नहीं थे.
अध्ययन में पाया गया कि भारत में पुरुषों (42 प्रतिशत) की तुलना में कहीं अधिक महिलाएं (57 प्रतिशत) शारीरिक रूप एक्टिव हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने कहा, उच्च आय वाले एशिया प्रशांत क्षेत्र के बाद वयस्कों के फिजिकली अनफिट के मामले में दक्षिण एशियाई क्षेत्र दूसरे स्थान पर है. विश्व स्तर पर पाया कि लगभग एक तिहाई वयस्क (31.3 प्रतिशत) शारीरिक गतिविधियों में शामिल नहीं रहते.
किन्हें कहा जाता है फिजिकली इनएक्टिव?
साल 2018 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन WHO ने दुनियाभर में एक ऐक्शन प्लान लॉन्च किया था ताकि फिजिकल ऐक्टिविटी को बेहतर बनाया जा सके और गैर संक्रामक बीमारियों को रोकने की कोशिश की जा सके. WHO की मानें तो अगर कोई वयस्क व्यक्ति एक सप्ताह में 150 मिनट से कम और अगर कोई किशोर एक सप्ताह में 60 मिनट से कम शारीरिक गतिविधि कर रहा था तो इसका मतलब है कि उसकी फिजिकल ऐक्टिविटी अपर्याप्त है और उसे एक्सर्साइज और शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाने की जरूरत है.
2030 तक 60 फीसदी भारतीय हो जाएंगे अनफिट
अध्ययन में पाया गया है कि 2010 में दुनिया भर में 26.4 प्रतिशत वयस्क ही शारीरिक रूप से इनएक्टिव थे. और अगर 2010-2022 का रुझान जारी रहा, तो शारीरिक गतिविधि में 15 प्रतिशत सुधार करने का वैश्विक लक्ष्य है वो सपना ही रह जाएगा.
शोधकर्ताओं ने पाया कि भारत में, वर्ष 2000 में 22 प्रतिशत से कुछ अधिक वयस्क शारीरिक गतिविधियों में शामिल नहीं थे जबकि 2010 में, लगभग 34 प्रतिशत तक पहुंच गया. उन्होंने अनुमान लगाया कि अगर मौजूदा रूझान जारी रहते हैं तो 2030 में, 60 प्रतिशत वयस्क फिजिकली अनफिट हो जाएंगे.
टीम ने यह भी पाया कि दुनिया भर में, वृद्ध वयस्क, दोनों पुरुष और महिलाएं, जिनकी उम्र 60 वर्ष और उससे अधिक है, तेजी से शारीरिक गतिविधि में कम शामिल हो रहे हैं.
एक्सरसाइज न करने के नुकसान
यह माना जाता है कि फिजकिली इनएक्टिव रहने से मधुमेह और हृदय रोग का जोखिम बढ़ता है. द लांसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी जर्नल में प्रकाशित 2023 इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च-इंडिया डायबिटीज (आईसीएमआर-इंडआईएबी) अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि 2021 में भारत में 10 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित थे, और उसी वर्ष लगभग 31 करोड़ लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या थी. अध्ययन के अनुसार, इसके अलावा, 25 करोड़ लोगों को मोटापा होने और 18.5 करोड़ लोगों को एलडीएल या ‘खराब’ कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर होने का अनुमान लगाया गया था.

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