मांडया में गणपति विसर्जन पर हिंसा मामले में पुलिस का एक्शन, 52 गिरफ्तार

कर्नाटक के नागमंगला के मांडया में गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान दो समूहों में झड़प और दुकानों एवं वाहनों में तोड़फोड़ के मामले में पुलिस ने एक्शन लिया है. पुलिस ने बुधवार रात की घटना के बाद 52 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि उपद्रव के सिलसिले में 150 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस ने एहतियात के तौर पर 14 सितंबर तक मांड्या जिले के इस शहर में चार से अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगा दी है.
ड्यूटी पर मौजूद पीएसआई बीजे रवि की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया है. घटना की पृष्ठभूमि पुलिस ने बीएनएस 2023, 109, 115(2), 118(1), 121(1), 132, 189(2), 189(3), 189(4), 190,191(1), 191 (2), 191(3), 324(4), 324(5), 326(F), 326(G) के तहत मामला दर्ज किया है.
पुलिस के अनुसार पत्थरबाजी में दो पुलिसकर्मियों समेत कुछ लोगों को मामूली चोटें आईं. उन्होंने बताया कि बुधवार रात को दो समूहों के बीच झड़प के बाद इलाके की कुछ दुकानों में तोड़फोड़ की गई, सामान जलाए गए. उपद्रवी भीड़ ने वाहनों में आग लगा दी. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए एक्शन लिया औरभीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया.
सीएम ने कड़ी कार्रवाई का दिया निर्देश
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि हिंसा उपद्रवियों की हरकत है, जो समाज की शांति को खतरे में डालती है. उन्होंने कहा कि उनका सरकार ने मांडया में हिंसा की घटना को गंभीरता से लिया है.
उन्होंने चेतावनी दी कि धार्मिक आधार पर विभाजन पैदा करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ उनकी सरकारकठोर कार्रवाई करेगी. इस मामले में जाति या धर्म की परवाह नहीं की जाएगी.
मांड्या के पुलिस अधीक्षक मल्लिकार्जुन बलदंडी ने मांडया की घटना पर कहा कि पुलिस ने गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने और हत्या का प्रयास को लेकर मामला दर्ज किया है. पुलिस की ओर से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालने के आरोप के तहत भी मामले दर्ज किये गये हैं. वहीं पुलिस का कहना है कि अब स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है.
मांडया मामले पर गरमाई सियासत
कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक (भाजपा) ने आरोप लगाया कि गणेश प्रतिमा जुलूस पर “हमला” ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ का सीधा नतीजा है. उन्होंने आरोप लगाया कि गणेश विसर्जन पर जानबझ पर अशांति पैदा करने की कोशिश की गयी. उन्होंने सवाल किया कि वे लोग कर्नाटक में रह रहे हैं या फिर तालिबान में रह रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक सरकार की तुष्टिकरण की नीति के कारण ही इस तरह की घटनाएं घटी हैं.

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