कौन है संसद में घुसपैठ का असली मास्टरमाइंड? सभी आरोपियों का हुआ साइको एनालिसिस टेस्ट

13 दिसंबर को संसद के अंदर और बाहर हुए हंगामे और स्मोक अटैक के सभी आरोपियों की कड़ाई से जांच-पड़ताल जारी है. पुलिस सभी आरोपियों से सख्ती से पूछताछ कर राज उगलवाने में लगी है. आज पटियाला हाउस ने मुख्य आरोपी ललित झा की रिमांड 5 जनवरी तक बढ़ा दी है. ललित झा ने पूछताछ में कहा है कि पूरे कांड का असली मास्टरमाइंड मनोरंजन है, वह फंडिंग के लिए लगातार प्रयास कर रहा था. ललित झा ने पूछताछ में बताया है कि मनोरंजन का मकसद एक बड़ा संगठन तैयार करना था.

इधर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने संसद कांड के सभी आरोपियों के साइको एनालिसिस टेस्ट करवाए हैं. पुलिस ने मास्टरमाइंड ललित झा भी साइको एनालिसिस टेस्ट किया है. इन सभी आरोपियों का ये टेस्ट रोहणी स्थित एक सरकारी इंस्टीट्यूट में किया गया है. इससे बड़े राज खुलने की उम्मीद है.

आरोपियों के सिम एक्टिव करवा रही है पुलिस

इसके अलावा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल संसद कांड के सभी आरोपियों के नए सिम एक्टिव करवा रही है. दिल्ली पुलिस का मकसद क्लाउड के जरिये मोबाइल फोन सिम में दफन साजिश के राज से पर्दा उठाना है. पुलिस का मानना है कि नष्ट किये हुए फोन के सिम के जरिये किससे, कहां और क्या बात हुई इस पर से पर्दा उठाना जरूरी है. इसीलिए पुलिस सभी आरोपियों के नये सिम एक्टिव करवा रही है.

उधर संसद कांड के मास्टरमाइंड ललित झा ने अपने साथियों को लेकर कई खुलासे किये हैं. ललित झा ने पुलिस पूछताछ में बताया है कि हरेक के जिम्मे अलग-अलग काम दिया गया था. सागर शर्मा को संगठन में रिक्रूटमेंट का जिम्मा दिया गया था. उसका काम था, युवाओं का ब्रेनवॉश करना और अपना कुनबा बढ़ाना.

ललित झा ने कहा- अंदाजा नहीं था लगेगा UAPA

हालांकि ललित झा ने ये भी खुलासा किया है उसे अंदाजा नहीं था कि इस घटना पर उन सभी लोगों के ऊपर UAPA लगेगा. ललित झा का कहना है कि उसे अंदाजा था कि वे सभी जल्द जमानत पर बाहर आ जाएंगे और पब्लिक फिगर बन जाएंगे.

पुलिस पूछताछ में ललित झा ने बताया है कि उसके ग्रुप के सदस्यों का मकसद जमानत पर बाहर आकर सोसायटी में एक मैसेज देना था और फिर बड़ी फंडिंग के जरिए अपने प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ाना था.

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