रायबरेली: हत्या का मामला ठाकुर बनाम पासी, राहुल गांधी ने अर्जुन के लिए न्याय मांग कैसे दिया बड़ा सियासी संदेश?
उत्तर प्रदेश के रायबरेली में दलित की हत्या को लेकर सियासत तेज होती जा रही है. यह मामला अब पासी बनाम ठाकुर होता जा रहा है. कांग्रेस नेता और रायबरेली सांसद राहुल गांधी मंगलवार को जिले के नसीराबाद क्षेत्र में पिछवरिया गांव पहुंचे. यहां अर्जुन पासी के परिजनों से मुलाकात की. अर्जुन पासी की 10 दिन पहले गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. राहुल गांधी ने कहा कि यहां मैं एक दलित परिवार को न्याय दिलाने आया हूं. अर्जुन पासी के न्याय की लड़ाई लड़ने की हुंकार भरकर राहुल ने सियासी संदेश देने की कोशिश की है.
रायबरेली जिले के नसीराबाद क्षेत्र में पिछवरिया गांव में अर्जुन पासी की 11 अगस्त को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. बताया जा रहा है कि पिछवारिया भुवालपुर सिसनी गांव में अर्जुन पासी का नवीन सिंह नाम के युवक से विवाद हो गया था. इस दौरान दोनों के बीच मारपीट भी हुईथी. इसके बाद अर्जुन पासी को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मृतक की मां की तहरीर पर सात नामजद और पांच अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था. पुलिस ने 13 अगस्त को ही 6 नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. सातवां आरोपी विशाल सिंह ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि हैं, जो अभी फरार हैं.
ऐसे ठाकुर बनाम पासी हुआ मामला
अर्जुन पासी का परिवार और दलित समाज के लोग लगातार विशाल की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं, इसके चलते ठाकुर बनाम पासी का मामला बन गया है. ठाकुर जाति के लोग मुखर हो गए हैं और उनका मानना है कि विशाल सिंह को जबरन इस केस में फंसाया जा रहा है. संगठन के लोगों ने अधिकारियों को ज्ञापन देते हुए कहा कि अगर किसी निर्दोष को दबाव में जेल में भेजा गया तो वे भी सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने को मजबूर हो जाएंगे. इस तरह अर्जुन पासी की हत्या का मामला पासी बनाम ठाकुर होता नजर आ रहा है.
राहुल गांधी ने मंगलवार को अर्जुन पासी के परिजनों से मुलाकात की. इसके बाद राहुल ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मैं एक दलित परिवार को न्याय दिलाने आया हूं. आप लोग हमें इससे डिस्ट्रैक्ट कर रहे है. मैं यहां दलितों की रक्षा करने आया हूं और उनकी बात रखने आया हूं. इसलिए मैं किसी तरह से डिस्ट्रैक्शन अलाऊ नहीं करता हूं. राहुल ने कहा कि मृतक के परिजनों ने कहा कि मेरा लड़का बाल काटता है कई बार बाल कटवाकर लोगों ने पैसा नहीं दिया. यह पूरी तरह अन्याय है इसकी लड़ाई मैं लड़ूंगा. यह परिवार और समाज के लिए अच्छा नहीं है.
अर्जुन पासी की हत्या काे सियासी रंग जिस तरह दिया जा रहा है, उसके चलते मामला पासी बनाम ठाकुर हो गया है. राहुल गांधी से पहले 18 अगस्त को अमेठी के सांसद किशोरी लाल शर्मा की अगुवाई में कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल अर्जुन पासी के घर पहुंचा था. कांग्रेस सांसद ने परिजनों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया था और घटना की जानकारी ली थी. केएल शर्मा ने रिपोर्ट राहुल गांधी को दी थी. इसके बाद राहुल गांधी ने मंगलवार को पीड़ित परिवार से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाई है. राहुल जिस तरह से अर्जुन पासी के पक्ष में खुलकर उतरे हैं, उसके सियासी मायने भी हैं.
राहुल के इस कदम के सियासी मायने
रायबरेली और अमेठी दोनों ही लोकसभा क्षेत्र में बड़ी संख्या में पासी मतदाता हैं, जो सियासी तौर पर काफी अहम माने जाते हैं. पासी समुदाय के लोग कांग्रेस के परंपरागत वोटर रहे हैं. राहुल गांधी को रायबरेली और किशोरी लाल शर्मा को अमेठी में मिली जीत में पासी समाज की महत्वपूर्ण भूमिका थी. राहुल गांधी किसी भी सूरत में पासी समुदाय के लोगों को नाराज नहीं करना चाहते हैं. इसीलिए अर्जुन पासी की हत्या के बाद कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल को भेजा और अब खुद भी पीड़ित परिवार से मिलकर उनके जख्मों पर मरहम लगाने के साथ-साथ इंसाफ की गुहार लगाई है.
वहीं, 17 अगस्त को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मोहनलालगंज से सांसद आरके चौधरी की अगुवाई में 11 सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल अर्जुन पासी के घर भेजा था. नगीना सांसद चंद्रशेखर ने भी अपना एक प्रतिनिधि पीड़ित के घर भेजा था. नेताओं ने परिवार की वीडियो कॉल पर चंद्रशेखर से बात भी कराई थी. इसके बाद चंद्रशेखर ने एक्स पर लिखा था कि रायबरेली में अर्जुन पासी की हत्या बेहद दुखद है. अभी तक सभी हत्यारों की गिरफ्तार न होना प्रशासन की मंशा पर सवाल खड़ा करता है. मैं पुलिस से सभी आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी और अर्जुन के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की मांग करता हूं.
अर्जुन पासी के समर्थन में जिस तरह राहुल गांधी से लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और चंद्रशेखर आजाद जैसे नेता उतरे हैं और न्याय के लिए लड़ाई लड़ने का ऐलान किया है, तो दूसरी तरफ आरोपी विशाल सिंह के समर्थन में सवर्ण सेना व करणी सेना आ गई है. पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर हजारों की संख्या में लामबंद होकर नेताओं ने इस मामले में निर्दोष को न फंसाए जाने की मांग की है और मामले की निष्पक्ष जांच करने की लिए पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन भी सौंपा है. इस तरह से अर्जुन पासी की हत्या का मामला अब ठाकुर बनाम पासी के तब्दील होता दिख रहा है.