दिमाग ने काम करना कर दिया था बंद, फिर भी ऐसे बचाई कई लोगों की जिंदगी

परोपकार और निस्वार्थता का प्रदर्शन करते हुए फरीदाबाद की 53 वर्षीय महिला कंचन के परिवार ने उनके ब्रेन डेड घोषित होने के बाद उनके अंगों को दान करने का साहसी निर्णय लिया है. परिवार के इस निर्णय की वजह से कई जिंदगियां बच गई हैं.

कंचन 1 दिसंबर, 2023 को फरीदाबाद में एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गईं. घटना के बाद उन्हें शुरू में फरीदाबाद के एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर (जेपीएनएटीसी), एम्स में रेफर कर दिया गया. सही तरीके से देखभाल करने के बावजूद, उन्हें 19 दिसंबर, 2023 को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया.

परिवार का आभार किया व्यक्त

एम्स में ऑर्गन रिट्रीवल बैंकिंग ऑर्गनाइजेशन (ओआरबीओ) के काउंसलर ने परिवार को ब्रेन डेड और अंग दान की बात बताई, जिसके बाद परिवार से सकारात्मक प्रभाव के बाद ही यह निर्णय लिया गया. एम्स की प्रोफेसर प्रभारी डॉ. आरती विज ने अंग दान करने के लिए कंचन परिवार के निस्वार्थ निर्णय के लिए आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि उदारता का यह कार्य न केवल जीवन बचाने की शक्ति रखता है बल्कि दाता के परिवार के दुखी दिलों को सांत्वना भी प्रदान करता है.

विज ने कहा कि ओआरबीओ टीम, चिकित्सकों, न्यूरोसर्जन, एनेस्थेटिस्ट, प्रत्यारोपण टीम, प्रत्यारोपण परामर्शदाताओं और समन्वयकों, तकनीशियनों, प्रशासकों, फोरेंसिक और पुलिस विभागों के सहयोगात्मक प्रयासों द्वारा मस्तिष्क मृत्यु प्रमाणीकरण, दाता अंग प्रबंधन और दयालु परामर्श का निर्बाध समन्वय सावधानीपूर्वक किया गया था.

इन जगहों पर ​भेजे गए हैं अंग

डॉ विज ने कहा लीवर और किडनी सहित पुनर्प्राप्त अंगों को राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) के माध्यम से प्राप्तकर्ताओं को आवंटित किया गया था. लिवर आईएलबीएस अस्पताल, दिल्ली को आवंटित किया गया था, जबकि दो किडनी को एम्स दिल्ली और सफदरजंग अस्पताल को आवंटित की गई थी. कॉर्निया और हृदय वाल्व को एम्स, नई दिल्ली में रखा गया है.

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