लाडली बहना योजना पर रोक लगा देंगे… भूमि अधिग्रहण मामले में सुप्रीम कोर्ट का महाराष्ट्र सरकार को अल्टीमेटम

भूमि अधिग्रहण मुआवजे के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. मुआवजे के लिए उचित राशि नहीं देने पर कोर्ट ने सरकार को फटकारा है. कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा है कि दशकों से लंबित भूमि मुआवजे का जल्द निपटारा करें. नहीं तो लाडली बहना योजना सहित फ्री बीज वाली कई योजनाओं पर रोक लगा देंगे.
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने महाराष्ट्र सरकार से कहा कि आपके पास सरकारी खजाने से मुफ्त में पैसा बांटने के लिए हजारों करोड़ रुपये हैं. मगर, आपके पास उस व्यक्ति को देने के लिए पैसा नहीं हैं, जिसकी जमीन को कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना छीन लिया गया है.
सरकार ने किया था संपत्ति पर कब्जा
इस मामले में अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, अगर महाराष्ट्र सरकार ने जमीन खोने वाले व्यक्ति को उचित मुआवजा नहीं दिया तो वह लाडली बहना जैसी योजनाओं को रोकने का आदेश देगा. महाराष्ट्र सरकार ने करीब 6 दशक पहले एक व्यक्ति की संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया था. इसके बदले एक अधिसूचित वन भूमि आवंटित की थी.
दिल्ली के सीएम केजरीवाल को झटका
एक अन्य मामला जो कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की याचिका से जुड़ा है, इस पर भी सु्प्रीम कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भूइयां की पीठ ने आबकारी नीति घोटाले में सीबीआई की ओर से दर्ज भ्रष्टाचार मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर जांच एजेंसी से जवाब मांगा है. केजरीवाल की ओर से पेश वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा कि उन्हें कथित घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 3 बार अंतरिम जमानत मिली है.
सिंघवी ने 20 जून को निचली अदालत से मिली नियमित जमानत के साथ ही 10 मई और 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत के आदेशों का हवाला दिया. उन्होंने बताया कि दिल्ली हाई कोर्ट ने मौखिक रूप से निचली अदालत के 20 जून के आदेश पर रोक लगा दी थी.

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