विनेश फोगाट की जान जा सकती थी…पेरिस ओलंपिक के दौरान आधी रात को क्या हुआ? चौंकाने वाला खुलासा
पेरिस ओलंपिक में एक भी मैच नहीं हारने के बावजूद विनेश फोगाट को कोई मेडल नसीब नहीं हुआ. इसकी वजह थी उनका नियम से 100 ग्राम वजन होना. यही वो वजह थी जिसके बाद उन्हें फाइनल मैच से ठीक पहले अयोग्य घोषित कर दिया गया और उन्हें कोई मेडल नहीं मिला. इसके बाद विनेश खेल पंचाट के पास गईं जहां उनकी अपील को खारिज कर दिया गया. विनेश फोगाट के इस संघर्ष की दास्तान तो अब लगभग हर फैन जानता है लेकिन इस बीच उनके कोच वूलर एकॉस ने एक ऐसा खुलासा कर दिया है जो बेहद चौंकाने वाला है. वूलर एकॉस ने बताया कि पेरिस ओलंपिक के दौरान एक पल उन्हें ऐसा लगा कि कहीं विनेश फोगाट अपनी जान ना गंवा दे.
विनेश फोगाट की जान को खतरा था!
विनेश फोगाट के कोच वूलर एकॉस ने एक इंटरव्यू में बताया कि विनेश फोगाट ने जिस अंदाज में अपना वेट गिराने की कोशिश की उसे देखकर तो एक समय ऐसा लगा कि कहीं उनकी जान ही ना चली जाए. वूलर एकॉस ने कहा, ‘सेमीफाइनल के बाद 2.7 किलो वजन बढ़ा हुआ था. एक घंटा, 20 मिनट तक वर्कआउट करने के बावजूद डेढ़ किलो बचा हुआ था. 50 मिनट तक सौना सेशन किया गया जिसमें कोई पसीना ही नहीं निकला. इसके बावजूद विनेश ने बहुत सारी कार्डियो मशीन पर वर्कआउट किया. आधी रात से सुबह 5.30 बदे तक वो रेसलिंग और कार्डियो करती रहीं. कई बार वो थकान के मारे गिर गईं. मुझे सच में उनकी जान को खतरा महसूस हुआ.’
विनेश फोगाट ने मेडल गंवाने के बाद क्या कहा?
इतनी मेहनत करने के बावजूद जब विनेश का वजन 100 ग्राम ज्यादा आ गया तो उन्हें डिसक्वालिफाई कर दिया गया. हालांकि इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी थी. कोच वूलर एकॉस ने बताया कि विनेश ने उस दौरान उनसे क्या कहा? वूलर एकॉस बोले, ‘कोच निराश ना हों. मैंने दुनिया की बेस्ट पहलवान को हराया है. मैंने अपना लक्ष्य हासिल कर लिया. मैंने साबित कर दिया है कि मैं बेस्ट पहलवानों में से एक हूं. हमारे गेम प्लान ने काम किया है. मेडल तो सिर्फ एक चीज है, प्रदर्शन मायने रखता है.’