विनेश फोगाट को वजन के नियम से नुकसान, लेकिन अमन सहरावत को हुआ फायदा, जीत गए मेडल, हैरान करने वाली है ये कहानी
रेसलिंग में वजन के सख्त नियमों के कारण भारतीय पहलवान विनेश फोगाट इतिहास रचने से चूक गईं. उनके पास इस खेल में भारत के लिए पहला गोल्ड मेडल जीतने का मौका था. अगर वो फाइनल मुकाबले में हार जातीं फिर भी उन्हें कम से कम सिल्वर मेडल मिलता. हालांकि, केवल 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के कारण विनेश को डिस्क्वालिफाई करने के साथ मेडल से भी वंचित कर दिया गया. वजन कम करने के लिए कोई एक्स्ट्रा समय नहीं दिया गया. वजन के इसी नियम के कारण अब भारतीय पहलवान अमन सहरावत को फायदा मिलता दिखा है और वो ब्रॉन्ज जीतने में कामयाब रहे हैं.
वजन के नियम का अमन को कैसे मिला फायदा?
रेसलिंग मुकाबले से पहले हर सुबह पहलवानों के वजन की जांच की जाती है. इसके लिए उन्हें दिए हुए समय पर पहुंचना होता है. इससे ज्यादा समय होने पर डिस्क्वालिफाई कर दिया जाता है. विनेश समय पर तो पहुंचीं लेकिन तब तक वजन कम नहीं कर पाईं. वहीं पुरुष रेसलिंग में इस नियम का शिकार ईरान के अलीरेजा सरलाक हुए. वो वजन के लिए समय से नहीं पहुंचे और उन्हें प्री क्वार्टर फाइनल मुकाबले से पहले बाहर होना पड़ा. सरलाक वर्ल्ड चैंपियनशिप के सिल्वर मेडलिस्ट पहलवान थे और उन्हें मेडल का बड़ा दावेदार माना जा रहा था. अगर वो आगे बढ़ते तो ब्रॉन्ज मेडल मैच में अमन का सामना उनसे हो सकता था.
वहीं 2022 में वर्ल्ड चैंपियन रह चुके अल्बेनिया के पहलवान जेलिमखान अबकारोव को भी वजन को बनाए रखने के नियम ने नुकसान पहुंचाया. बहुत वजन कम करने की वजह से वो क्वार्टर फाइनल में संघर्ष करते दिखे और अमन सहरावत ने 12-0 से उन्हें हरा दिया था. जबकि इसके पहले वो वर्ल्ड चैंपियनशिप में अमन को 10-0 से हरा चुके थे. वजन को मेंटेन रखने के नियमों से विरोधी कमजोर हुए और अमन को फायदा मिला. इससे वो कुछ खुद ही बाहर हो गए और कुछ रेसलिंग के मैट पर कमजोर दिखे, जिसने अमन को ब्रॉन्ज मेडल जीतने में मदद की.
मेडल जीतने वाले सबसे युवा भारतीय
विनेश फोगाट के बाहर होने के बाद सारी नजरें अमन सहरावत पर ही टिकी थीं. उनसे ही रेसलिंग में मेडल की आखिरी उम्मीद बची थी और उन्होंने निराश नहीं किया. अपने डेब्यू ओलंपिक में ही अमन ने पुरुषों के 57 किलोग्राम भार वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल अपने किया. उन्होंने ने पुअर्तो रिको के रेसलर 13-5 से मात दी और भारत को छठा मेडल दिलाया. इसके साथ ही अमन ओलंपिक में इंडिविजुअल इवेंट में मेडल जीतने वाले सबसे युवा भारतीय भी बन गए.