शराब की होम डिलीवरी कैसे बनेगी इंडस्ट्री के लिए गेमचेंजर? अब इन 6 राज्यों में चल रहा पायलट प्रोजेक्ट पर काम
कोविड के समय में एक चीज जिसकी सबसे ज्यादा जरूरत महसूस की गई, वह थी शराब की होम डिलीवरी. अगर आर्थिक दृष्टि से देखा जाए, तो ये राज्य सरकारों के लिए भी मुफीद व्यवस्था है क्योंकि उनकी इनकम का एक बड़ा हिस्सा शराब पर टैक्स से आता है. जिस देश में पेट्रोल, खाना, राशन, दवा और कपड़े-जूते सब दूर-दराज तक होम डिलीवरी किए जा रहे हों, तो शराब की होम डिलीवरी कोई बड़ी बात नहीं, जो जल्द ही दिल्ली में शुरू होने जा रही है. लेकिन बाकी 6 और राज्यों की भी इस पर नजर है.
जोमैटो, स्विगी और ब्लिंकइट जैसे डिलीवरी प्लेटफॉर्म ने दिल्ली में शराब की होम डिलीवरी की तैयारी कर ली है. कोविड खत्म होने के करीब 3 साल बाद अब लोगों की इस जरूरत को मूर्त रूप मिलने जा रहा है. ये पूरी शराब इंडस्ट्री के लिए भी एक गेम चेंजर हो सकता है. चलिए समझते हैं कैसे…
इन राज्यों ने बनाया बड़ा प्लान
दिल्ली में तो जल्द ही ये प्रोसेस शुरू होने जा रही है. ईटी की खबर के मुताबिक इसके अलावा कर्नाटक, हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु, गोवा और केरल ने भी इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू करने की योजना बनाई है. केरल ने तो कोविड के दौर में भी इसकी कोशिश की थी, लेकिन तब उसका ये कार्यक्रम इतना सफल नहीं हो सकता था.
ये सभी राज्य कम अल्कोहल की मात्रा वाली शराब जैसे कि बीयर, राइस बीयर, मीड्स और वाइन इत्यादि की होम-डिलीवरी के बारे में सोच रहे हैं. इससे राज्य सरकारों को तेजी से अपना राजस्व बढ़ाने में मदद मिल सकती है.
नीति और कानून में बदलाव
शराब की होम डिलीवरी के लिए राज्य सरकारों को अपनी नीतियों और शराब व्यवसाय से जुड़े कानूनों में संशोधन की जरूरत पड़ेगी. इसका असर सिर्फ सरकारों पर नहीं, बल्कि शराब बनाने वाली कंपनियों से लेकर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और ग्राहकों सब पर होने वाला है. सरकारों को भी इसके लिए कई चुनौतियों से जूझना है, जिसमें अर्थशास्त्र के साथ-साथ अपने स्थानीय क्षेत्र के समाजशास्त्र का भी ध्यान रखना है.
आखिर इंडस्ट्री के लिए कैसे होगा गेम चेंजर?
शराब की होम डिलीवरी व्यवस्था पूरी इंडस्ट्री के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है. इसे ऐसे समझते हैं कि जोमैटो, ब्लिंकइट, स्विगी, बिगबास्केट और जेप्टो अगर इस काम को करते हैं, तो उनके प्लेटफॉर्म पर होने वाले ऑडर्स की ग्रॉस वैल्यू 10 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी. इससे उनका इनकम मार्जिन बेहतर होगा, प्लेटफॉर्म रीच भी बढ़ेगी.
राज्य सरकारों के लिहाज से देखें, तो दिल्ली में शराब पर वैट टैक्स से राज्य सरकार ने 2023-24 में करीब 7,484 करोड़ रुपए का राजस्व कमाया है. ये पिछले 2022-23 के मुकाबले 10 प्रतिशत अधिक है. अब अगर यही शराब की होम डिलीवरी होने लगेगी, तब सरकार का वैट कलेक्शन और अधिक तेजी से बढ़ेगा.
कंपनियों के लिहाज से देखें, तो शराब की होम डिलीवरी उनकी सेल को कई गुना बढ़ाएगी. वहीं इससे कई कंपनियों को मार्केट में बने रहने के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा करनी पड़ेगी और अपनी क्वालिटी पर काम करना होगा. इससे नकली, कच्ची और अवैध शराब की सेल पर रोक लगाने में भी मदद मिलेगी, क्योंकि लोगों को घर बैठे असली शराब मिल जाएगी. इससे भी कंपनियों का रिवेन्यू बढ़ेगा.