संघर्ष का दूसरा नाम विनेश फोगाट, दर्द, गम और आंसुओं से है गहरा रिश्ता
पेरिस ओलंपिक में भारत का नाम रोशन करने के बाद भारतीय रेसलर विनेश फोगाट देश वापस लौट चुकी हैं. दिल्ली एयरपोर्ट पर उनका जोरदार स्वागत किया गया. पेरिस में निराशा के साथ बिना मेडल के लौटीं विनेश ने जब समर्थकों का प्यार देखा तो वो भावुक होकर रोने लगीं. उनके लिए पिछले कुछ दिन काफी उतार चढ़ाव से भरे रहे हैं. वह इस बार पेरिस ओलंपिक 2024 में मेडल जीतने की सबसे बड़ी दावेदार बनकर उतरी थीं. उन्होंने खेल भी कुछ ऐसा ही दिखाया और 50 किलोग्राम कैटेगरी में हिस्सा लेते हुए फाइनल में जगह बनाई. लेकिन तभी उनके साथ जो हुआ उसके बारे में किसी ने भी सपने में भी नहीं सोचा था. विनेश को फाइनल की सुबह 100 ग्राम ज्यादा वजन होने के चलते डिस्क्वालिफाई कर दिया गया. इस खबर को सुनकर हर एक भारतीय को बड़ा झटका लगा. जिसके बाद विनेश फोगाट को अस्पताल में भर्ती भी कराया गया. लेकिन ये पहला मौका नहीं है, विनेश का पूरा जीवन ऐसे संघर्षों से भरा रहा है.
9 साल की उम्र में पिता को खोया
25 अगस्त 194 को हरियाणा के बलाली गांव में विनेश फोगाट का जन्म हुआ था. उनकी उपलब्धियों के बारे में तो सब जानते हैं, लेकिन उनके संघर्ष की कहानी काफी कम लोगों को पता है. विनेश फोगाट सिर्फ नौ साल की थीं, जब उनके पिता का निधन हो गया था. उनके पिता राजपाल सिंह फोगाट की मौत कैंसर से हो गई थी. इसके बाद विनेश के सपनों को साकार किया उनके पिता के बड़े भाई महावीर सिंह फोगाट ने किया, जिन्होंने अपनी बेटियों गीता, बबीता और संगीता को भी रेसलर बनाया.
मां को भी हुआ था कैंसर
विनेश पर दुखों का पहाड़ तब टूट पड़ा था जब इनके सिर से पिता का साया छिनने के बाद इनकी मां प्रेमलता को भी कैंसर हो गया था. लेकिन उन्होंने अपने जीवन में कभी भी हार नहीं मानी. विनेश को उनकी मां ने ही निडर और बहादुर बनाया है. विनेश फोगट अपनी मां को खुद की सबसे बड़ी ताकत बताती हैं.
2016 ओलंपिक में चोट ने तोड़ा था दिल
रियो ओलंपिक 2016 के क्वाटर फाइनल मैच के दौरान में उनका घुटना मुड़ गया था, जिसके चलते वह मेडल जीतने से चूक गई थीं. तब स्ट्रेचर पर उन्हें मैट से ले जाया गया था. ये कोई मामूली चोट नहीं थी. चोट से उबरने में उन्हें काफी लंबा समय लगा. इसके बाद 2018 में गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने गोल्ड जीतकर दमदार वापसी की थी. चोट के बाद उनकी ये पहली बड़ी जीत थी. उसी साल एशियन गेम्स में भी विनेश ने गोल्ड जीता. वो एशियाड में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनी थीं.
ब्रजभूषण सिंह के खिलाफ उठाई थी अवाज
विनेश फोगाट उन रेसलर्स में से एक हैं जिन्होंने भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष BJP सांसद ब्रजभूषण सिंह के खिलाफ आंदोलन छेड़ा था.तब विनेश को दिल्ली की सड़कों पर घसीटने की तस्वीरें भी वायरल हुई थीं. इसके बाद ओलंपिक चयन ट्रायल में अंतिम पंघाल के सिलेक्शन के चलते विनेश को अपनी मूल वेट कैटेगरी 53 किलोग्राम छोड़नी पड़ी थी. जिसके चलते वह इस बार 50 किलोग्राम कैटेगरी में उतरी थीं.