संघ के बिना कुछ नहीं कर सकते… कैसे केरल में बीजेपी के लिए RSS ने तैयार की जमीन?

केरल के पलक्कड़ में तीन दिनों तक संघ और उसके संगठनों के 300 से ज्यादा पदाधिकारियों ने समन्वय बैठक की. बैठक में विचार परिवार के सभी संगठनों के लिए भविष्य की रणनीति बनाई गई. बैठक में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल हुए. संघ पार्टी के लिए केरल में राह बनाने में जुटा हुआ है.
केरल के पलक्कड़ में आरएसएस से प्रेरित 32 संगठनों के प्रतिनिधियों ने तीन दिवसीय समन्वय बैठक में हिस्सा लिया. संघ की इस बैठक में कई सारे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विषयों पर चर्चा हुई, लेकिन जिस तरह से 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद संघ समन्वय बैठक के लिए केरल को चुना गया था उसके कई सारे मायने निकाले जा रहे हैं. इसमें सबसे महत्वपूर्ण हो जाता है कि क्या केरल में सामाजिक और राजनीतिक रूप से बीजेपी तीसरे विकल्प के तौर पर खुद को तैयार कर चुकी है.
केरल में जमीन पर काम कर रहा संघ
इस बात की पड़ताल के लिए TV9 भारतवर्ष ने पलक्कड़ शहर से थोड़ी दूर बसे कुछ गांवों का दौरा किया. इन गांवों में जाकर पता चला कि वहां आज भी जमीन पर आरएसएस के पताके सालों से लहरा रहे हैं. वहीं, बीजेपी शिशु से किशोर अवस्था में पहुंच रही है. गांव में या तो संघ के पताके और बैनर पोस्टर पटे मिलेंगे या डीएफईआई या अन्य वामपंथी दलों के बैनर पोस्टर ज्यादा दिखेंगे.
पलक्कड़ से 16 किलोमीटर दूर रामासेरी गांव है. गांव का रंग रूप आप देखें तो पूरा भगवामय दिखेगा या फिर वामदलों की छाप दिखेगी. हां, गांव के कुछ मोड़ पर संघ के झंडे से सटे बीजेपी के झंडे लहराते हुए दिखेंगे. साफ दिखेगा कि कैसे संघ के पताके बीजेपी के झंडे को सहारा दे रहे हैं. पलक्कड़ जैसे जगहों पर आज भी बीजेपी को संघ की उंगली पकड़ कर चलाना पड़ता है.
पलक्कड़ म्युनिसिपैलिटी के काउंसलर अच्चूतानांदन एसपी ने कहा कि यहां हम बीजेपी के काउंसलर हैं. हम संघ के वजह से यहां जीते हैं. अगर संघ का समर्थन नहीं तो हम कुछ नहीं कर सकते.
संघ ने पलक्कड़ को बैठक के लिए क्यों चुना?
संघ की यह बैठक केरल के पलक्कड़ जिले में हुई. पलक्कड़ वही जिला है जहां बीजेपी ने 2022 में म्यूनिसिपल चुनाव जीता, जोकि अपने आप मे एतिहासिक जीत है क्योंकि पूरे केरल में एक मात्र जगह बीजेपी किसी नगर पालिका में सत्ता में आई. 52 काउंसलर वाले पलक्कड़ म्युनिसिपैलिटी में बीजेपी के 28 काउंसलर जीते थे. यहां पहली बार यूडीएफ और एलडीएफ को बीजेपी ने पटखनी दी.
पलक्कड़ म्युनिसिपैलिटी की चेयरमैन प्रमिला शशिधरण ने कहा कि हमारा पलक्कड़ पहली म्युनिस्पैलिटी है जहां बीजेपी ने पहली बार सरकार बनाई.
पलक्कड़ म्युनिसिपैलिटी में बीजेपी की सत्ता में आने की कई सारी वजह रही हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण जिस तरह से संघ का काम केरल के गांव में देखने को मिला, ऐसा लगा कि सेवा के भाव के जरिए संघ सालों से सामाजिक परिवर्तन की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है. इसकी बानगी देखने के लिए TV9 की टीम पलक्कड़ के सूरदास नगर पहुंची, जहां आरएसएस द्वारा बच्चों का अनाथालय चलाया जा रहा है. थोड़ी ही दूर पर एक दूसरे प्रकल्प के तौर पर ब्लाइंड और बहरे लोगों के लिए रिहैबिलिटेशन सेंटर चलाए जा रहें हैं, जिसमें किसी भी सरकार से कोई मदद नहीं ली जा रही. स्थानीय आम लोगों की मदद से इन सेंटर्स को चलाया जा रहा हैं.
केरल में क्यों सुधरा बीजेपी का वोट प्रतिशत?
साफ है संघ सेवा कार्यों के जरिए प्रदेश के लोगों के मन पर सालों से अपनी छाप छोड़ रहा है. वहीं, संघ के कामों से इतर बीजेपी ने इस बार केरल में अपना सबसे बेहतर वोट प्रतिशत हासिल किया है जिसकी बड़ी वजह केंद्र सरकार के लाभार्थी हैं. 2.33 लाख किसानों को केरल में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिला. 2 लाख प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बने. 3.5 लाख उज्ज्वला योजना के लाभार्थी हैं. 28 लाख परिवारों को आयुष्मान योजना का लाभ मिला. 1 लाख लोगों को हर घर नल योजना से पानी का कनेक्शन मिला है. 1020 किलोमीटर के नेशनल हाईवे की सौगात मिली है.
इसी तरह से ढेरों योजनाओं का लाभ केरल में केंद्र सरकार के द्वारा आम लोगों को दिया गया है. वहीं, संघ भी 5 हजार से ज्यादा शाखाओं के साथ गांव-गांव में पहुंच गया, जोकि बड़े स्तर पर सामाजिक परिवर्तन के कार्य कर रहा है. ऐसे में ये साफ है कि बीजेपी भले ही अपने पैरों पर खड़ी हो चुकी हो, लेकिन अब भी देश के कई ऐसे हिस्से हैं जहां संघ उसके लिए लगातार जमीन तैयार करने में जुटा है.

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