सांसद कंगना रनौत की बढ़ी मुश्किलें, किसान संगठन ने भेजा मानहानि का नोटिस

किसान आंदोलन पर बयान देने के बाद सांसद कंगना रनौत की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. किसान आंदोलन पर कंगना के बोल बिगड़ने के बाद बीजेपी ने भी कंगना के बयान से किनारा कर लिया था. साथ ही बीजेपी ने उन्हें हिदायत भी दी थी. इसके बावजूद वो लगातार मुश्किलों से घिरती जा रही हैं. अब किसान संघर्ष समिति के नेता एडवोकेट विश्वजीत रतौनिया ने उन्हें मानहानि का नोटिस भेजा है.
किसानों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के मामले में उन्हें मानहानि का नोटिस दिया गया है. इसमें एडवोकेट ने कंगना को नोटिस देकर चेतावनी दी है, कि अगर कंगना ने सात दिन के अंदर माफी नहीं मांगी तो उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी.
बीजेपी ने दी हिदायत
कंगना के इस बयान पर बीजेपी ने सिर्फ किनारा नहीं किया बल्कि कंगना की क्लास भी लगा दी. पार्टी ने इस पर एक प्रेस रिलीज जारी करके कहा कि पार्टी कंगना के बयान से सहमत नहीं है. उन्हें पार्टी के नीतिगत मुद्दों पर बोलने की इजाजत नहीं है ओर वो पार्टी की तरफ से बयान देने के लिए अधिकृत भी नहीं हैं.
विपक्ष फिर भी हमलावर
इस मामले में भले ही बीजेपी ने किनारा कर लिया हो लेकिन विपक्ष लगातार हमलावर है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि किसानों से किए वादों को पूरा करने में नाकाम मोदी सरकार का दुष्प्रचार तंत्र लगातार किसानों का अपमान करने में जुटा हुआ है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 700 साथियों का बलिदान देने वाले किसानों को बीजेपी सांसद ने बलात्कारी और विदेशी ताकतों का नुमाइंदा कहा है. इससे बीजेपी की किसान विरोधी नीति और नीयत का पता चलता है.
कंगना रनौत का बयान
कंगना ने हाल ही में एक इंटरव्यू कहा था कि अगर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व कमजोर होता तो भारत में भी बांग्लादेश जैसे हालात हो सकते थे. सभी ने देखा है कि किसान आंदोलन में क्या-क्या हुआ. प्रदर्शन के नाम पर हिंसा हुई. रेप हुए, लोगों को मारकर लटकाया जा रहा था. किसानों से जुड़े 3 कानून वापस ले लिए गए, नहीं तो इन उपद्रवियों की कफी लंबी योजना थी. अगर बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता तो आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता.

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