सेकेंड हैंड गाड़ी दिखते ही दबोच लेगी पुलिस, आपकी एक गलती पड़ेगी भारी!

इंडिया दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ऑटो मार्केट है. यहां पुरानी गाड़ियों की खरीद-बिक्री का भी बड़ा बाजार है. कई लोग ऐसे हैं जिनके पास कम बजट है, इसलिए वे नई गाड़ी के बजाय पुरानी गाड़ी खरीदते हैं. अगर आपके पास भी सेकेंड हैंड गाड़ी है तो यह जरूर चेक करें कि ये गाड़ी दूसरे राज्य से तो रजिस्टर्ड नहीं है. अगर आप जो गाड़ी चला रहे हैं वो किसी अन्य राज्य की रजिस्टर्ड गाड़ी है, तो सावधान हो जाएं. ऐसी गाड़ियों का अपने राज्य में ट्रांसफर कराना और दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है.
अगर आपने ऐसा नहीं किया तो पुलिस आपकी सेकेंड हैंड गाड़ी को सीज कर सकती है. दूसरे राज्य की रजिस्टर्ड गाड़ी को अपने राज्य में चलाने के लिए आपको दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना होगा. ऐसा ना करने पर ये ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन माना जाएगा. इसके अलावा यह चीज टैक्स चोरी के दायरे में भी आ जाएगी. ऐसे में आपको भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है.
नियम क्या कहते हैं?
मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 के अनुसार, किसी दूसरे राज्य में रजिस्टर्ड गाड़ी को स्थायी तौर पर अब जिस राज्य में चलाया रहा है, गाड़ी मालिक को एक साल के अंदर उस राज्य में गाड़ी का दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना होगा. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो चालान हो सकता है. इसके अलावा अधिकारी आपकी गाड़ी को सीज भी कर सकते हैं.
क्यों जरूरी है गाड़ी का दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना?
अन्य राज्य की गाड़ी के दोबारा रजिस्ट्रेशन कराने के कई फायदे हैं. सबसे पहले यह राज्यों को रोड टैक्स और अन्य टैक्स कलेक्शन में मदद करता है. दूसरा, यह गाड़ियों की चोरी और धोखाधड़ी को रोकने में मदद करता है. तीसरा, यह सड़कों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करता है क्योंकि इससे गाड़ी मालिक इंश्योरेंस पॉलिसी ले सकते हैं, और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवा सकते हैं.
गाड़ी का दोबारा रजिस्ट्रेशन कैसे होगा?
आप वाहन पोर्टल की मदद से गाड़ी का दोबारा रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. सबसे पहले आपको उस रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (RTO) से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) लेना होगा जहां गाड़ी रजिस्टर्ड है. एनओसी मिलने के बाद आपको वाहन पोर्टल पर जाकर गाड़ी ट्रांसफर करने का एप्लिकेशन फॉर्म भरना है, और फीस जमा करनी है.
जरूरी कागजात

इंटर-स्टेट ट्रांसफर एप्लिकेशन फॉर्म
इंटर-स्टेट ट्रांसफर का नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC)
ओरिजनल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट
इंश्योरेंस पॉलिसी
पॉल्यूशन सर्टिफिकेट
आइडेंटिटी प्रूफ
एड्रेस प्रूफ आदि

इसके बाद जिस राज्य या शहर में आप गाड़ी को चलाना चाहते हैं, संबंधित आरटीओ ऑफिस में जाकर एनओसी, फॉर्म और अन्य दस्तावेज जमा करें. आपकी सेकेंड हैंड गाड़ी का इन्सपेक्शन होगा. आपको रोड टैक्स आदि जमा करना होगा. सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपको गाड़ी का नया रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट मिल जाएगा. इसके बाद आप बेझिझक गाड़ी चला सकते हैं.

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