हमास की कैद से रिहा हुए बंदी ने बताए सुरंग के राज, इजराइल सेना पर बोली ये बात

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू बार-बार कह रहे हैं कि वे हमास के खात्में के बेहद करीब हैं. जंग की शुरुआत से ही इजराइल सेना दावा करती आई है कि हमास की टनल्स नागरिक इंफ्रास्ट्रक्चर के नीचे हैं और हॉस्पिटल-स्कूलों पर उनके हमले हमास को निशाना बनाके किए जा रहे हैं. हमास की कैद से रिहा हुए इजराइल के 72 साल के बंधक अदीना मौशे ने खुलासा किया कि इजराइल सेना को हमास के की टनल के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं है.
इजराइल के न्यूज़ चैनल 12 को दिए गए इंटरव्यू मौशे ने बताया कि इजराइल की सुरक्षा एजेंसी शिन-बैत के अधिकारियों ने उनकी रिहाई के बाद उनसे हमास की टनल का नक्शा बनाने के लिए कहा था. मौशे ने कहा, “शिन बेट ने मुझसे गाजा में सुरंगों का नक्शा बनाने को कहा, क्योंकि वे उनके बारे में कुछ नहीं जानते.”
“हमास टनल के लिए मिलिट्री ऑपरेशन काफी नहीं”
मोशे ने रिहा होने के बाद उनसे हुई पूछताछ के बारे में बात करते हुए बताया कि सुरक्षा एजेंसी ने पहले उनसे से बात करने के लिए एक इंजीनियर को भेजा था, मौशे ने इंजीनियर को बताया कि गाजा पट्टी में सुरंगें पूरे क्षेत्र में फैली एक विशाल भूमिगत भूलभुलैया हैं. उसने इंजीनियर को यह भी बताया कि सिर्फ सैन्य अभियान ही बचे बंदियों को वापस लाने में मदद नहीं करेगा. इसके अलावा मौशे ने कहा, “प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू झूठ बोल रहे हैं, और न तो उन्हें और न ही सेना को गाजा में हमास की सुरंगों के बारे में कुछ पता है.”
इजराइल के पास टनल की कितनी जानकारी
चैनल 12 के मुताबिक जब मौशे से सुरंगों का स्केच बनाने के लिए कहा गया, तो उसने जवाब दिया कि वह कोई कलाकार नहीं है. मौशे से एजेंसी ने सुरंगों, उनके रास्तों, उनके लोकेशन और उनके अंदर क्या-क्या सुविधाएं हैं के बारे में पूछा. जिससे जाहिर होता है कि एजेंसी के पास सुरंगों को लेकर बहुत कम जानकारी मौजूद है.
“यह हमास नहीं है जो ढह रहा है, बल्कि इजराइल है”
इजराइल के अखबार हारेत्ज़ में रिटायर्ड ब्रिगेडियर जनरल यित्ज़ाक ब्रिक ने “यह हमास नहीं है जो ढह रहा है, बल्कि इजराइल है” नाम से एक लेख लिखा है. जिसमें उन्होंने गाजा युद्ध का आलोचनात्मक मूल्यांकन किया है और बताया है कि इस युद्ध में हमास से ज्यादा इजराइल का नुकसान हो रहा है.
उन्होंने चल रहे गाजा युद्ध की वजह से दूसरे क्षेत्रों में हो रहे इजराइल के नुकसान पर जोर दिया है, जैसे हिजबुल्लाह और हूती हमलों से आर्थिक नुकसान, मानवीय संकट पर आंतरराष्ट्रीय स्तर पर नुकसान. उन्होंने लेख में इस बात पर जोर दिया है कि इतने सारे मोर्चों पर लंबे समय तक नहीं लड़ा जा सकता और सेना को गाजा से जल्द वापसी करनी होगी.

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