हर साल जीडीपी को 3 फीसदी का नुकसान, जान लीजिये गडकरी का अनुमान
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इन दिनों कुछ ज्यादा ही चर्चाओं में है. बुधवार को उन्होंने जो जानकारी दी है, वो कुछ ज्यादा की चौकाने वाली है. गडकरी ने कहा कि देश में हर साल जो सड़क हादसे होते हैं, उससे देश की जीडीपी को 3 फीसदी का नुकसान होता है. जी हां, उनका ये अनुमान इसलिए भी अहम है क्योंकि देश दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी है और जल्द इही तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा. पीएम नरेंद्र मोदी ने साल 2047 तक देश को विकसित रखने का लक्ष्य रखा है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क हादसों और जीडीपी को लेकर क्या जानकारी दी है.
आतंकवाद से ज्यादा सड़क हादसे मौत
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि भारत में युद्ध, आतंकवाद और नक्सलवाद से भी अधिक लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में होती है. गडकरी ने उद्योग मंडल फिक्की के सड़क सुरक्षा पुरस्कार और संगोष्ठी-2024 के छठे संस्करण को संबोधित करते हुए कहा कि सड़क परियोजनाओं की खराब विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के कारण ब्लैकस्पॉट्स (दुर्घटना संभावित क्षेत्र) की संख्या बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि युद्ध, आतंकवाद और नक्सलवाद से भी अधिक लोगों की जान सड़क दुर्घटनाओं में गई है.
हर साल इतने सड़क हादसे
गडकरी के अनुसार, भारत में प्रति वर्ष पांच लाख दुर्घटनाएं होती हैं. इसका मतलब है कि हर घंटे में 57 सड़क हादसे औसनत होते हैं. जिनमें 1.5 लाख लोगों की मृत्यु होती है. इसका मतलब है कि हर घंटे सड़क हादसे 17 लोगों की मौत हो जाती है. यानी कुल सड़क हादसों में से एक तिहाई से ज्यादा लोगों की जान चली जाती है. जबकि तीन लाख लोग घायल होते हैं. गडकरी की ओर से दिए गए ये आंकड़े काफी गंभीर हैं. जो खराब सड़क परियोजनाओं की ओर इशारा कर रहा है.
जीडीपी को होता है 3 फीसदी का नुकसान
केंद्रीय मंत्री ने जानकारी देने हुए कहा कि इन सड़क हादयों की वजह से देश को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में तीन फीसदी का नुकसान होता है. ये नुकसान ऐसे समय पर पर है जब पूरी दुनिया की इकोनॉमी में सुस्ती देखने को मिल रही है और भारत की विकास दर का अनुमान 7 फीसदी के करीब लगाया जा रहा है. जबकि जानकारों का कहना है कि अगर भारत को 2047 तक विकसित देशों की कैटेगिरी में आना है तो करीब 9 से 10 फीसदी की ग्रोथ रेट की जरुरत है. नितिन गडकरी ने कहा कि बलि के बकरे की तरह हर दुर्घटना के लिए चालक को दोषी ठहराया जाता है. मैं आपको बता दूं, और मैंने बारीकी से देखा है कि ज्यादातर दुर्घटनाएं सड़क इंजीनियरिंग में खामी की वजह से होती हैं.
मंत्रालय क्या उठा रहा है कदम
मंत्री ने सभी राजमार्गों के सुरक्षा ऑडिट की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं की संख्या कम करने के लिए, हमें लेन अनुशासन का पालन करने की जरूरत है. गडकरी ने कहा कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय एम्बुलेंस और उसके चालकों के लिए कोड तैयार कर रहा है, ताकि उन्हें सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को शीघ्र बचाने के लिए कटर जैसी अत्याधुनिक मशीनों के उपयोग का प्रशिक्षण दिया जा सके.