10 साल में खुले 53.13 करोड़ जन धन खाते, लोगों ने जमा किए इतने लाख करोड़ रुपए
करीब 10 साल पहले जब मोदी सरकार पहली बार सत्ता में आई थी, तो उसने हर नागरिक तक वित्तीय और बैंकिंग सेवा पहुंचाने का लक्ष्य रखा था. इसके लिए गरीब से गरीब लोगों के बैंक में जीरो बैंक बैलेंस वाले खाते खुलवाए गए और इस योजना को नाम दिया गया ‘प्रधानमंत्री जन धन योजना’. मनरेगा की मजदूरी से लेकर उज्ज्वला योजना की सब्सिडी और कोविड के दौरान आम लोगों को पैसा पहुंचाने की मोदी सरकार की सफलता में इस योजना का बहुत बड़ा हाथ है. आज 10 साल बाद इन खातों में आम लोगों का लाखों करोड़ रुपया जमा हो चुका है.
मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के लॉन्च के 10 साल बाद कुल 53.13 करोड़ बैंक खातों को खोले जा चुके हैं. इसमें से करीब 80 प्रतिशत खाते अब भी चालू स्थिति में हैं.
जमा है 2.3 लाख करोड़ रुपया
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है 53.13 करोड़ जन धन खाते 14 अगस्त 2024 तक खोले गए हैं. इसमें 2.3 लाख करोड़ रुपए की जमा राशि है. मार्च 2015 में प्रति खाता एवरेज बैंक बैलेंस 1,065 रुपए था, जो अब बढ़कर 4,352 रुपए हो चुका है. इसमें करीब 80% खाते चालू हैं. उन्होंने कहा कि पीएमजेडीवाई खातों का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है. लोग इसमें पैसा जमा कराकर भी रख रहे हैं. हालांकि इस योजना के तहत जीरो बैलेंस खातों की अनुमति है और केवल 8.4% खातों में जीरो बैलेंस है.
गांव-कस्बों में योजना कारगर
जन धन खातों को लेकर सरकार की ओर से जानकारी दी गई है कि इस योजना ने ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन किया है. योजना के तहत खोले गए कुल खातों में से लगभग 66.6% खाते ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में खोले गए हैं. 14 अगस्त तक खोले गए कुल 53.13 करोड़ खातों में से 29.56 करोड़ (कुल खातों का 55.6%) महिलाओं के नाम पर हैं. मौजूदा समय में देश के सभी बसे हुए गांवों में से 99.95% को बैंकिंग टच पॉइंट के माध्यम से 5 किमी के दायरे में बैंकिंग सुविधाओं तक पहुंच है. इसमें बैंक शाखाएं, एटीएम, बैंकिंग संवाददाता (बीसी) और भारतीय पोस्ट पेमेंट बैंक शामिल हैं.
देश में 14 अगस्त तक 173 करोड़ से अधिक ऑपरेटिव CASA खाते हैं, जिनमें 53 करोड़ से अधिक ऑपरेटिव PMJDY खाते शामिल हैं. सरकार का लक्ष्य है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान 3 करोड़ से अधिक पीएमजेडीवाई खाते और खोले जाएं. देश में 16 अगस्त तक कुल 36.14 करोड़ रुपे कार्ड उपयोग में लाए रहे हैं.