22 करोड़ में हुआ 6 साल के बच्चे का ऑपरेशन, जानें ऐसी कौन सी बीमारी थी

एक बच्चा जो महज साल की उम्र का था, एक ऐसी बीमारी का शिकार हो गया जो काफी रेयर होती है. छोटी सी ही उम्र में उसने वह दर्द सहा जिसे देखकर उसके परिजन भी गमगीन हो जाते थे. हम बात कर रहे हैं तुर्की के सिनार अतर की जो अब 6 साल का हो चुका है. सिनार अतर एक दुर्लभ और गंभीर आनुवंशिक बीमारी से ग्रसित था जो मांसपेशियों में गिरावट और कमजोरी का कारण बनती थी. इस बच्चे का ऑपरेशन हो गया है और उम्मीद जताई जा रही है कि वह जल्द ही ठीक हो जाएगा.
सिनार अतर का इलाpजीन थेरेपी केल जरिए हुआ है. इस थेरेपी का खर्च 22 करोड़ आया है. यपिछले साल अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) द्वारा अप्रूव की गई यह थेरेपी संयुक्त अरब अमीरात सहित कुछ ही देशों में उपलब्ध है जो दुनिया के सबसे महंगी थेरेपी में से एक है. सिनार के पिता ने बताया कि बेटे की बीमारी की वजह से उनका घर तबाह हो गया. जिसके बाद लोगों ने उनके परिवार की मदद की और उन्हें इलाज के लिए दुबई जाने कि लए कहा.
‘चार साल की उम्र में लगा बीमारी का पता’
दरअसल सिनार अतर जब चार साल का था उस दौरान नियमित जांच के दौरान पता चला कि सिनार को डचेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी यानी डीएमडी नाम की गंभीर बीमारी है. मेडकेयर वूमेन एंड चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में बच्चों को स्पेशलिस्ट न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. विवेक मुंडाडा ने बताया कि इस बीमारी के चलते सिनार को चलने में काफी कठिनाई होने लगी. वह नो तो बिना किसी सहारे के खड़ा हो सकता था न ही बैठ सकता था. इन सिम्टम्स के साथ चाइल्ड स्पेशलिस्ट क्रिएटिनिन कीनेस नामक मांसपेशी एंजाइम के स्तर की जांच की और सेम्पल को डीएमडी के लिए एक आनुवंशिक परीक्षण के लिए भेजा गया जिसमें बीमारी की पुष्टी हुई.
ज्यादातर लड़कों को प्रभावित करती है बीमारी
वहीं डॉ. मुंडाडा ने बताया कि जब उन्होंने सिनार को देखा था तो उसके पैर काफी ज्यादा कमजोर थे. उसकी सांस लेने और निगलने की मांसपेशियां अप्रभावित थी. यह डीएमडी मस्कुलर डिस्ट्रॉफी का सबसे आम रूप है. इस बीमारी से शरीर कंकाल की तरह हो जाता है. इससे हृदय की मांसपेशियां काफी ज्यादा कमजोर हो जाती है. यह डायस्ट्रोफिन जीन में परिवर्तन की वजह से होता है जो मांसपेशियों की मजबूती के लिए जरूरी होता है. यह बीमारी बचपन से ही शुरू हो जाती है आमतौर पर दो से तीन साल की उम्र के बीच होती है और मुख्य रूप से लड़कों को प्रभावित करती है.
जीन थेरेपी ने मरीजों में जगाई उम्मीद की किरण
वहीं जीन थेरेपी ने दुनिया भर में 400 से ज्यादा मरीजों में उम्मीद की एक किरण दिखाई है. हालांकि फिलहाल दुनिया भर में सीमित चिकित्सा सुविधाएं हैं जो यह उपचार प्रदान करती हैं. तुर्की में उपचार का कोई विकल्प उपलब्ध नहीं होने के कारण सिनार के माता-पिता ने उसकी मांसपेशियों के विकास में सहायता के लिए फिजियोथेरेपी और तैराकी की ओर रुख किया ये उपाय बीमारी में मददगार तो थे लेकिन पर्याप्त नहीं थे. जिसके बाद डॉ. मुंडाडा ने दुबई में जीन थेरेपी देकर बच्चे का इलाज किया.

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