50 हजार करोड़ का होने वाला है गेमिंग बाजार, जॉब्स की होगी भरमार

एक दौर वो भी था, जब 5 रुपए देकर लोग वीडियो गेम की दुकान पर मारियो या रैम्बो गेम खेला करते थे. लेकिन समय के साथ गेमिंग इंडस्ट्री का तरीका भी बदला और आज गेमिंग एक बड़ी इंडस्ट्री में तब्दील हो चुकी है. ऑनलाइन हो या ऑफलाइन दोनों में इस इंडस्ट्री ने अपनी पकड़ जमा ली है. कोरोना के दौर में लोग घंटो अपने मोबाइल में लूडो या दूसरे गेम खेलते थे. कोरोना बीत जाने के बाद देश में कई गेमिंग स्टूडियो खुल चुके हैं. मौजूदा समय में देश में ओवरऑल गेमिंग इंडस्ट्री 25 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की हो चुकी है. अगले 4 साल में ये आंकड़ा डबल होने जा रहा है. अगर बात इस इंडस्ट्री में जॉब्स की करें तो आने वाले सालों में इसकी भरमार भी होने वाली है. आइए आपको बताते हैं कि आखिर देश में गेमिंग इंडस्ट्री किस तरह की है. साथ में आने वाले सालों में कितनी बड़ी होने जा रही है?
2028 तक डबल हो सकती है गेमिंग इंडस्ट्री
इंट्रैक्टिव इंटरटेनमेंट एंड इनोवेशन काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार इंडियन गेमिंग इंडस्ट्री का ओवरऑल रेवेन्यू मौजूदा समय में 25,700 करोड़ रुपए का है. जिसके अगले 4 सालों में 50 हजार करोड़ रुपए के होने का अनुमान है. इसका मतलब है कि साल 2028 तक देश की ओवरऑल मार्केट मौजूदा समय के मुकाबले डबल होने जा रही है. इंडिया गेमिंग रिपोर्ट 2024 ने इंट्रैक्टिव इंटरटेनमेंट एंड इनोवेशन काउंसिल के डाटा के हवाले से कहा है कि साल 2023 में 14.40 करोड़ पेड यूजर्स थे. जिनकी संख्या साल 2028 तक 24 करोड़ से ज्यादा होने जा रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा समय में इंडियन गेमिंग इंडस्ट्री में 500 गेमिंग स्टूडियो सहित 1,400 से अधिक गेमिंग कंपनियां शामिल हैं. गेमिंग का एनुअल रेवेन्यू 2028 तक 6 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है.
जॉब्स की भी आने वाली है भरमार
रिपोर्ट के अनुसार, साल 2028 तक देश में प्रोफेशनल्स गेमर्स की संख्या में 2.5 गुना तक का इजाफा देखने को मिल सकता है. जबकि साल 2023 में इनकी संख्या 500 थी. रिपोर्ट का अनुमान है कि भारत में लगभग 56.80 करोड़ गेमर्स का कंज्यूमर बेस है. देश में लगभग 15,000 गेम डेवलपर्स और प्रोग्रामर मौजूद हैं. भारत में गेमिंग पॉपुलेशन में लगभग 40 फीसदी हिस्सेदारी महिलाओं की है, कुछ साल पहले तक भारत में पांच गेमर्स में से सिर्फ एक ही महिला थी. रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत की ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री अगले 10 सालों में 2.5 लाख और जॉब्स एड करने जा रहा है. जिसमें से अगले कुछ सालों में डायरेक्ट और इन डायरेक्ट रूप से 1 लाख जॉब्स आने का अनुमान है.
ऑनलाइन गेमिंग की स्थिति
अगर बात देश में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री की करें इसमें लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. इंवेस्ट इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार साल 2025 तक देश में ऑनलाइन गेमर्स की संख्या 50 करोड़ होने जा रही है. खास बात तो ये है कि देश में मौजूदा समय में 45 करोड़ से ज्यादा ऑनलाइन गेमर्स हैं और 1000 से ज्यादा स्टूडियो हैं. देश में मौजूदा समय में 6 लाख ई—स्पोर्ट्स होने के साथ 1 लाख ई—स्पोर्ट्स टीम्स हैं.
भारत है दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल गेमिंग मार्केट

ट्रांजेक्शन बेस्ड गेम रेवेन्यू में साल 2021 से 2022 में 39 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है.
वित्त वर्ष 2025 तक भारत का मोबाइल गेमिंग मार्केट 20 फीसदी के इजाफे के साथ 23 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का हो सकता है.
वित्त वर्ष 2027 तक ऑनलाइन गेमिंग में 33 फीसदी की तेजी दिखने की उम्मीद है और मार्केट बढ़कर 25,300 करोड़ रुपए हो सकता है.
भारतीय ऑनलाइन गेमिंग ने पिछले 5 वर्षों में डॉमेस्टिक और ग्लोबल निवेशकों से 2.8 अरब डॉलर जुटाए हैं. 2019 से फंडिंग में 380 फीसदी और 2020 से 23 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली है.
मौजूदा समय में देश ने तीन ऑनलाइन गेमिंग यूनिकॉर्न बनाए हैं; जिसमें गेम 24X7, ड्रीम11 और मोबाइल प्रीमियर लीग शामिल है.

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