महरौली की 600 साल पुरानी मस्जिद पर इबादत करने की नहीं मिली इजाजत, Delhi HC ने खारिज की याचिका

दिल्ली के महरौली में 600 साल पुरानी ध्वस्त की गई मस्जिद पर शब-ए-बारात के मौके पर नमाज अदा करने की अनुमति देने से दिल्ली हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया गया है. इस मस्जिद को 30 जनवरी को ध्वस्त किया गया था. दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की मैनेजमेंट कमेटी को राहत नहीं दी है.

दिल्ली के महरौली में 600 साल पहले ध्वस्त की गई अखोनजी मस्जिद की जगह पर शब-ए-बारात पर इबादत करने की इजाजत देने से कोर्ट ने मना कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि अभी इस स्तर पर मामले में मौजूदा तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर कोई निर्देश पारित करना सही नहीं है.

कोर्ट ने क्या कहा?

कोर्ट ने कहा अब तक विचाराधीन साइट DDA के कब्जे में है, DDA द्वारा मस्जिद गिरने का मामला कोर्ट के सामने लंबित है. इस मामले पर सुनवाई 7 मार्च को होगी. बता दें कि दिल्ली वक्फ बोर्ड की ओर से मस्जिद की जगह पर स्थानीय लोगों को शब-ए-बारात पर इबादत करने की इजाजत देने की मांग की गई थी. हालांकि, DDA की ध्वस्तीकरण कार्रवाई को चुनौती देने के मामले पर सुनवाई कर रही दिल्ली हाई कोर्ट ने DDA को साइट पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. इस कार्यवाई के दौरान इलाके में भारी संख्या में पुलिस तैनात रही. पुलिस ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए धार्मिक स्थलों की तरफ जाने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया था.

क्या है मामला

आपको बता दें कि डीडीए ने 30 जनवरी को संपत्तियों को अनधिकृत निर्माण बताते हुए मस्जिद, बहरुल उलूम मदरसा और विभिन्न कब्रों को तोड़ दिया था. दक्षिणी दिल्ली के महरौली में अवस्थित 600 साल पुरानी अखोनजी मस्जिद पर दिल्ली हाईकोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था. याचिकाकर्ता का कहना है कि वहां पर कई लोगों के परिजनों की कब्रे हैं इस वजह से लोगों को वहां पर नमाज अदा करने दी जाए.

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