7th Pay Commission: सरकारी कर्मचारी लगातार कितने समय तक कर सकता है छुट्टी, जानें लीव इनकैशमेंट के क्या है नियम
सरकार ने अपने कर्मचारियों की छुट्टियों को लेकर कई सवालों पर स्थिति स्पष्ट की है. इसमें बताया कि कोई सरकारी कर्मचारी लगातार कितने दिनों तक अवकाश ले सकता है और उसके बाद सर्विस पर क्या असर पड़ेगा.
सरकार ने FAQ जारी कर कर्मचारियों की छुट्टियों से जुड़े सभी सवालों के जवाब दिए हैं. इसका मकसद कर्मचारियों की कंफ्यूजन को दूर कर उन्हें सेवा से जुड़ी सभी शर्तों की जानकारी देना है.
FAQ में अलग-अलग कैटेगरी के कर्मचारियों के इनटाइटलमेंट, लीव ट्रेवल कंसेशन, लीव इनकैशमेंट, ईएल का इनकैशमेंट, पैटरनिटी लीव जैसे मसलों पर सरकार की ओर से स्पष्ट जानकारी दी गई है.
फॉरेन सर्विस से जुड़े कर्मचारियों को छूट-
FAQ के अनुसार, सरकार ने साफ कहा है कि अगर कोई कर्मचारी लगातार पांच साल से ज्यादा समय तक छुट्टी पर रहता है तो उसकी सेवाएं समाप्त मान ली जाएंगी.
फॉरेन सर्विस को छोड़कर अन्य किसी क्षेत्र का सरकारी कर्मचारी अगर पांच साल से ज्यादा समय तक छुट्टी पर रहा तो माना जाएगा कि उसने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. यानी कर्मचारियों को लगातार 5 साल से ज्यादा की छुट्टी लेने की इजाजत नहीं होगी.
लीव इनकैशमेंट पर क्या है नियम-
सरकार ने FAQ में कहा है कि कर्मचारियों को लीव इनकैशमेंट की मंजूरी एडवांस में लेनी चाहिए, जो एलटीसी के साथ लेना सही रहेगा. कुछ मामलों में तय समय के बाद भी लीव इनकैशमेंट किया जा सकता है.
बच्चे की देखभाल के लिए चाइल्ड केयर लीव भी सिर्फ महिलाओं को दी जाती है. अगर बच्चा विदेश में पढ़ाई कर रहा है या उसकी देखभाल के लिए महिला कर्मचारी को विदेश जाने की जरूरत पड़ती है तो कुछ जरूरी प्रक्रिया के बाद उसे यह लीव मिल जाएगी.
पढ़ाई के लिए कितने दिन की छुट्टी-
सरकार ने साफ किया है कि अगर किसी कर्मचारी को स्टडी लीव की जरूरत है तो वह पूरे सेवा काल में 24 महीने की छुट्टी इस मद के लिए ले सकता है. यह अवकाश एकसाथ भी लिया जा सकता है और अलग-अलग भी.
सेंट्रल हेल्थ सर्विस से जुड़े कर्मचारियों को स्टडी लीव के लिए 36 महीने का समय दिया जाता है. पोस्ट ग्रेजुएट क्वालिफिकेशन के लिए भी 36 महीने की लीव ली जा सकती है.