यह झूठा और मनगढ़ंत- शेख हसीना के इस्तीफे वाले बयान पर बेटे सजीब ने किया दावा
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजिद के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने उन खबरों से इनकार किया है जिसमें दावा किया जा रहा है कि उनकी मां ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिए को लेकर कोई बयान दिया है. सजीब ने कहा कि इस्तीफा देने का दावा करने वाला बयान पूरी तरह से झूठा है और उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है.
अमेरिका में रह रहे शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने एक पोस्ट में कहा, “हाल ही में एक अखबार में प्रकाशित मेरी मां के नाम से इस्तीफा दिए जाने को लेकर दिया बयान पूरी तरह से झूठा और मनगढ़ंत है. मैंने अभी उनसे इस संबंध में जानकारी हासिल की है कि उन्होंने ढाका छोड़ने से पहले या उसके बाद इस तरह का कोई बयान नहीं दिया है.”
The recent resignation statement attributed to my mother published in a newspaper is completely false and fabricated. I have just confirmed with her that she did not make any statement either before or since leaving Dhaka
— Sajeeb Wazed (@sajeebwazed) August 11, 2024
शेख हसीना के हवाले से दावा
इससे पहले द इकोनॉमिक टाइम्स ने शेख हसीना के हवाले से लिखा था, “मैंने देश में हिंसा देखने से बचने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन लोगों का मकसद छात्रों की लाशों पर सत्ता हासिल करना था. जबकि मैंने यह इस्तीफा देकर उन्हें ऐसा करने से रोकने की कोशिश की.”
उन्होंने तख्तापलट के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था, “अगर मैं सेंट मार्टिन आइलैंड पर अपनी संप्रभुता का दावा छोड़ देती और अमेरिका को यहां पर नियंत्रण करने दिया होता तो मैं सत्ता में बनी रह सकती थी.
भ्रष्टाचार के मामले में मोहम्मद युनुस बरी
इस बीच बांग्लादेश की अंतरिम सरकार कमान संभालने वाले मोहम्मद युनुस को भ्रष्टाचार निरोधक आयोग की ओर से उनके खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में आज रविवार को बरी कर दिया गया. युनुस ने 3 दिन पहले गुरुवार को ही प्रमुख का पदभार ग्रहण किया है.
स्थानीय मीडिया ने भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि ढाका के विशेष न्यायाधीश न्यायालय-4 के जस्टिस मोहम्मद रबीउल आलम ने भ्रष्टाचार निरोधक आयोग की उस याचिका को स्वीकार कर लिया जिसमें दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 494 के तहत मामले में अभियोजन वापस लेने की मांग की गई थी.
ढाका की एक अदालत ने सात अगस्त को श्रम कानून उल्लंघन के एक मामले में नोबेल पुरस्कार विजेता युनुस और ग्रामीण टेलीकॉम के 3 शीर्ष अधिकारियों नूरजहां बेगम, अशरफुल हसन और एम शाहजहां को बरी कर दिया था. शेख हसीना के दौर में युनुस के खिलाफ दर्जनों मामले दर्ज किए गए थे. इसी साल जनवरी में एक अदालत ने श्रम कानून उल्लंघन के आरोप में उनको छह महीने जेल की सजा भी सुनाई थी.