कभी चोट तो कभी विवाद… ओलंपिक के इतिहास में 3 बार टूटे विनेश फोगाट के ख्वाब

विनेश फोगाट ने जब कुश्ती को अपना करियर बनाने को सोचा होगा, तब शायद उन्हें ये मालूम नहीं होगा कि एक दिन वो ओलंपिक की मैट पर सबसे ज्यादा बार अपने दांव-पेंच की आजमाइश करने वाली भारत की महिला पहलवान बनेंगी. लेकिन, ये इतिहास अब विनेश फोगाट के नाम है. रियो से लेकर पेरिस तक, विनेश फोगाट 3 ओलंपिक खेल चुकी हैं. मगर अफसोस की हर बार उन्हें निराशा हाथ लगी. रियो, टोक्यो और पेरिस तीनों ही ओलंपिक में उनका सबसे बड़ा ख्वाब टूटकर बिखरता दिखा.
ओलंपिक चैंपियन बनने का ख्वाब पेरिस में भी अधूरा रह गया
अब सवाल है कि विनेश फोगाट का सबसे बड़ा ख्वाब क्या था? ये ख्वाब सिर्फ देश के लिए ओलंपिक खेलने का नहीं था, बल्कि ओलंपिक चैंपियन बनने का भी था. पेरिस में विनेश अपने इस ख्वाब से सबसे करीब पहुंच गईं क्योंकि उन्होंने फाइनल में जगह पक्की कर ली. मतलब, ओलंपिक चैंपियन का टैग अब बस एक कदम दूर रह गया. लेकिन, किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था.
एक विवाद ने तोड़ा गोल्ड जीतने का सपना
फाइनल वाले दिन मुकाबले से पहले विनेश फोगाट ओवरवेट से जुड़े विवाद में फंस गईं और इससे उनके गोल्ड मेडल जीतकर ओलंपिक चैंपियन बनने का ख्वाब टूट गया. विनेश फोगाट ने पेरिस में खेले अपने तीसरे ओलंपिक में महिलाओं के 50 किलो वर्ग में हिस्सा लिया था.
रियो ओलंपिक में चोट की मारी विनेश मैच हारी
ओलंपिक की मैट पर विनेश फोगाट के कुश्ती की शुरुआत 2016 में रियो ओलंपिक से हुई. मतलब रियो में उन्होंने अपना ओलंपिक डेब्यू था. विनेश ने यहां 48 किलो भार वर्ग में हिस्सा लिया था. लेकिन, क्वार्टर फाइनल में उनकी मेडल जीतने की उम्मीद धराशायी हो गई. विनेश के साथ ऐसा इंजरी की वजह से हुआ था, जिसके चलते वो चीन की सुन यानान के खिलाफ मुकाबला हार गईं थी. इस कुश्ती के दौरान विनेश के घुटने में चोट लगी थी.
टोक्यो में क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ सकीं
रियो में चोट का शिकार बनीं विनेश बड़ी उम्मीद के साथ 2020 में जापान की राजधानी टोक्यो में आयोजित ओलंपिक में पहुंची. लेकिन, यहां उनके ख्वाब और बुरे तरीके से चकनाचूर हुए. विनेश का रास्ता यहां भी क्वार्टर फाइनल में ही थमकर रह गया. उन्होंने वेनेसा कलादज़िंस्काया ने शिकस्त दी. टोक्यो ओलंपिक में विनेश फोगाट ने महिलाओं के 53 किलो वर्ग में शिरकत किया था.
संन्यास के ऐलान साथ हुआ तय, ख्वाब अब रह जाएगा अधूरा
रियो, टोक्यो और पेरिस… एक के बाद एक 3 ओलंपिक खेलने वाली विनेश फोगाट पहली भारतीय महिला रेसलर तो बन गईं. लेकिन, तीनों ही ओलंपिक में उनका चैंपियन बनने का ख्वाब टूटकर चकनाचूर हो गया. ओलंपिक में अपना सफर शुरू करने से पहले विनेश ने शायद ही सोचा होगा कि उनके साथ ऐसा भी हो सकता है. लेकिन, ये हुआ है. और, अब आगे ओलंपिक चैंपियन बनने के ख्वाब को परवान चढ़ाने की उम्मीद भी नहीं बची क्योंकि विनेश फोगाट ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया है.

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