इंजीनियर बनने का सपना देखने वाले युवाओं को सोचने पर मजबूर कर देगी ये रिपोर्ट, जानें डिटेल
इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले युवा या ऐसा करने का सपना देख रहे फ्रेशर्स, अगर यह सोचकर इस फील्ड में आना चाहते हैं कि सबको करोड़ों का पैकेज मिलता है तो उन्हें ये रिपोर्ट पढ़ लेनी चाहिए. हाल ही में एक रिपोर्ट आई है. उसमें प्रमुख आईटी कंपनी कॉग्निजेंट ने कहा है कि वह नए इंजीनियरिंग ग्रेजुएट को 4 से 12 लाख रुपए का वेतन देती है और सोशल मीडिया पर जिस वेतन का जिक्र किया जा रहा है, वह गैर-इंजीनियरिंग स्नातक डिग्री धारकों के लिए है.
कंपनी ने कही ये बात
बता दें कि कंपनी को नये भर्ती होने वालों के लिए 2.52 लाख रुपए वार्षिक वेतन की पेशकश करने पर सोशल मीडिया में आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. कंपनी को महज एक प्रतिशत वार्षिक वेतन वृद्धि करने के लिए भी सोशल मीडिया पर आलोचना का सामना करना पड़ा. हालांकि, यह 1-5 प्रतिशत वार्षिक वेतन वृद्धि का निचला दायरा है, जिसे कंपनी ने व्यक्तिगत प्रदर्शन के आधार पर दिया है. कॉग्निजेंट हर साल विभिन्न भूमिकाओं के लिए नए इंजीनियरों और गैर-इंजीनियरिंग स्नातकों को नियुक्त करती है.
क्या है रियल सैलरी?
कॉग्निजेंट अमेरिका के अध्यक्ष सूर्य गुम्मादी ने कहा कि गैर-इंजीनियरिंग बैकग्राउंड की प्रतिभाओं के लिए हमारी हाल की भर्ती सूचना को बहुत गलत तरीके से पेश किया गया. लगभग 2.52 लाख रुपए प्रति वर्ष के वेतन वाली यह नौकरी केवल तीन वर्षीय स्नातक डिग्री वाले उम्मीदवारों के लिए थी, इंजीनियरिंग स्नातकों के लिए नहीं. उन्होंने आगे कहा कि नए इंजीनियरिंग स्नातकों के लिए हमारा वार्षिक पैकेज चार लाख रुपए से लेकर 12 लाख रुपए प्रति वर्ष तक है. यह नियुक्ति की कैटेगरी, कौशल और मॉडर्न इंडस्ट्री में मान्यता प्रमाणपत्र पर निर्भर करता है.
इन लोगों की तो हालत और खराब
टेक्नोलॉजी से जुड़े लेबर इंटेंसिव रिक्रूटमेंट प्लेटफॉर्म वर्कइंडिया ने रिपोर्ट में कहा है कि लेबर की नौकरी करने वालों को वित्तीय सुरक्षा में मामूली सुधार का अनुभव होता है, लेकिन वे आरामदायक जीवन स्तर प्राप्त करने से बहुत दूर हैं. रिपोर्ट के अनुसार, इस सीमा में आय से आवश्यकताएं तो पूरी हो जाती हैं, लेकिन बचत या निवेश के लिए बहुत कम गुंजाइश बचती है, जो इस श्रेणी के कार्यबल के एक बड़े हिस्से की आर्थिक कमजोरी को उजागर करता है.