क्या आपने भी सुने हैं लाल रंग की कार से जुड़े ये मिथक? मत करना सच मानने की गलती

लाल रंग को लेकर वैसे ही कई तरह की बातें की जाती हैं. कहीं इसे खतरे का निशान बताया जाता है तो कहीं इसे शुभ या प्यार का रंग माना जाता है. वहीं फोर-व्हीलर के मामले इस रंग को लेकर तरह-तरह की मिथक बातें की जाती हैं. जैसे कि मैंने बचपन में सुन रखा था कि लाल रंग की कार दिखे तो झटपट 6 तालियां बजाओ और फिर शाम में पापा कुछ अच्छी चीज घर लेकर आएंगे. अगर आप 90 के दशक में पैदा हुए हैं तो आपने भी ऐसा कुछ सुन ही रखा होगा.
बात बस इतनी नहीं है. अलग-अलग जगहों पर लाल रंग की कारों से जुड़े कई तरह के मिथक और धारणाएं हैं जो अक्सर लोगों के बीच चर्चा का विषय बनते हैं. यहां हम ऐसे ही पांच सबसे ज्यादा सुने जाने वाले मिथक के बारे में बता रहे हैं.
लाल कारें अधिक दुर्घटनाग्रस्त होती हैं
यहां शायद लाल रंग को खतरे से जोड़ा गया है. यह आम धारणा है कि लाल रंग की कारें दूसरे रंगों की कारों की तुलना में अधिक दुर्घटनाग्रस्त होती हैं. असल में इस मिथक का कोई ठोस प्रमाण नहीं है. एक्सीडेंट का कारण ड्राइवर का व्यवहार, सड़क की स्थिति और दूसरे फैक्टर पर निर्भर करता है, न कि कार के रंग पर.
लाल कारों का बीमा महंगा होता है
कई लोग यह भी सोचते हैं कि लाल रंग की कारों का बीमा प्रीमियम दूसरे रंगों की कारों के मुकाबले अधिक होता है. जबकि सच ये है कि बीमा कंपनियां कार के रंग के आधार पर इंश्योरेंस प्रीमियम तय नहीं करतीं. बीमा की दरें कार के मॉडल, इंजन की क्षमता, ड्राइवर की उम्र और एक्सीडेंटल हिस्ट्री जैसी बातों पर निर्भर करती हैं.
लाल कारों की चोरी का खतरा ज्यादा
यह माना जाता है कि लाल रंग की कारें अधिक भड़कीली होती हैं और इसलिए चोरों का ध्यान ज्यादा आकर्षित करती हैं. लेकिन असल में कार चोरी के मामले में रंग का कोई खास असर नहीं होता. चोर कार के मॉडल, सेफ्टी इक्विपमेंट और दूसरे पहलुओं को देखकर गाड़ी चोरी करते हैं.
लाल कारें ज्यादा गर्म पड़ती हैं
यह धारणा है कि लाल रंग की कारें दूसरे रंगों की तुलना में अधिक गर्म होती हैं. असल में गहरे रंग (जैसे काला) अधिक गर्मी अवशोषित करते हैं, लेकिन लाल रंग की कारें कुछ खास तरीके से अधिक गर्मी नहीं अवशोषित करतीं. यह मिथक कुछ हद तक सच हो सकता है, लेकिन इसका असर बहुत मामूली होता है.
बता दें ये तमाम बातें सिर्फ मिथक हैं. लाल रंग की कारें कई लोगों के लिए पसंदीदा विकल्प हैं. रंग का चुनाव पर्सनल चॉइस और स्टाइल पर आधारित होना चाहिए, न कि इन मिथकों पर.

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