योग से खत्म हो सकता है डिप्रेशन, AIIMS की रिसर्च में दावा, जानें किन आसन की भूमिका अहम

डिप्रेशन एक ऐसी बीमारी है जिसके बारे में लोग बात कम करते हैं, लेकिन हर साल इसके केस बढ़ रहे हैं. WHO की ओर से साल 2022 में की गई स्टडी से पता चला है कि दुनियाभर में 280 मिलियन लोगों को डिप्रेशन है. भारत में 16 फीसदी लोग इस बीमारी का शिकार है. इनमें 70 फीसदी की उम्र 30 साल से अधिक है. पुरुषों की तुलना में महिलाओं में डिप्रेशन लगभग 50% अधिक आम है. डिप्रेशन का इलाज दवाओं से किया जाता है, लेकिन योग करने से इस बीमारी को खत्म किया जा सकता है. इसको लेकर नई दिल्ली एम्स में रिसर्च की गई है.
एम्स दिल्ली में डिप्रेशन के मरीजों को योग कराया गया था. नियमित रूप से योग करने के बाद डिप्रेशन ठीक हो गया. एम्स की रिसर्च में पता चला है कि योग किसी भी लेवल के डिप्रेशन को ठीक कर सकता है.
नई दिल्ली एम्स में एनाटॉमी विभाग की प्रोफेसर और एम्स मीडिया सेल की इंचार्ज डॉ. रीमा दादा ने इस बारे में बताया है. डॉ रीमा कहती हैं कि एम्स में कई सालों से अलग- अलग बीमारियों में योग के असर को लेकर रिसर्च की जा रही है. इसमें डिप्रेशन और योग पर भी एम्स में रिसर्च हुई है. इसमें पता चला है कि योग करने से डिप्रेशन की बीमारी खत्म हो जाती है. एम्स में डिप्रेशन का इलाज करा रहे मरीजों को इस रिसर्च में शामिल किया गया था. सालभर तक मरीजों को योग कराया गया और इससे उनकी मेंटल हेल्थ में काफी सुधार मिला.
कैसे पता चलता है डिप्रेशन में है व्यक्ति
डॉ रीमा बताती हैं कि डिप्रेशन का कुछ लक्षणों के आधार पर पता लगाया जा सकता है.अगर आपका किसी काम में मन नहीं लग रहा है. पहले कोई काम अच्छी तरीके से करते थे, लेकिन अब सही तरीके से ऑफिस या घर का काम नहीं कर पा रहे हैं. लोगों से मिलने का मन नहीं करता, या अब अकेले रहना का मन है तो ये लक्षण हैं कि व्यक्ति डिप्रेशन में जा रहा है. यह डिप्रेशन की शुरुआती स्टेज होती है. अगर इस दौरान इन लक्षणों की पहचान करके इलाज करा लें तो डिप्रेशन कंट्रोल में हो सकता है, लेकिन अगर इस स्टेज में इसपर ध्यान नहीं दिया तो यह बढ़ता रहता है और डिप्रेशन की लास्ट स्टेज आ सकती है.
क्या है डिप्रेशन की लास्ट स्टेज
डिप्रेशन की वजह से लोग आत्महत्या तक कर लेते हैं. यह डिप्रेशन की आखिरी स्टेज होती है. इसमें व्यक्ति का मेंटल ट्रॉमा इतना बढ़ जाता है कि वह खुद को या किसी दूसरे को नुकसान कर सकता है. इसमें व्यक्ति के सोचने और समझने की शक्ति कम होने लगती है. उसको अपने जीवन से लगाव नहीं रहता है. वह पुरानी चीजों और अपने जीवन के दुखों के बारे में ही सोचता रहता है. व्यक्ति में जीने की इच्छा खत्म हो जाती है और वह आत्महत्या कर लेता है. दुनियाभर में आत्महत्या का एक बड़ा कारण डिप्रेशन ही है.
क्यों होता है डिप्रेशन?
एम्स में मनोरोग विभाग के पूर्व डॉ. राजकुमार बताते हैं कि किसी भी मानसिक समस्या का कारण ब्रेन के फंक्शन में गड़बड़ी होता है. जब ब्रेन में सेरोटोनिन की कमी हो जाती है तो डिप्रेशन हो सकता है. यह एक मेडिकल कंडीशन है जिसपर समय पर ध्यान देना जरूरी है. लेकिन देखा जाता है कि लोग इस समस्या को इग्नोर कर देते हैं. कई मामलों में तो व्यक्ति लंबे समय तक डिप्रेशन में रहता है, लेकिन उसको इसका पता नहीं चल पाता है.
डॉ राजकुमार बताते हैं किकिसी दूसरी समस्या की तरह डिप्रेशन भी एक बीमारी है, लेकिन लोग इसके बारे में बात करने से कतराते हैं. उन्हें लगता है कि डिप्रेशन की बात करेंगे तो समाज में उनको मानसिक रोगी समझा जाएगा. जबकि ऐसा नहीं सोचना चाहिए. डिप्रेशन भी एक बीमारी है जिसका इलाज है. इसके बारे में बात करें और अगर आपको कोई परेशानी है तो अपने परिवार या दोस्तों से साझा करें.
किसी को भी हो सकती है ये समस्या
बताते हैं कि डिप्रेशन की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है. बीते कुछ सालों में देखा जा रहा है कि बच्चे भी इसका शिकार हो रहे हैं. खराब लाइफस्टाइस, खानपान की गलत आदतें और देर रात तक जगना जैसी हैबिट ब्रेन में सेरोटोनिन के फंक्शन को बिगाड़ देती है. इससे व्यक्ति डिप्रेशन में आ सकता है.
कई बीमारियों का बनता है कारण
डिप्रेशन एक मानसिक समस्या है जो कई दूसरी बीमारियों का कारण बन सकती है. डिप्रेशन के मरीजों में इन बीमारियों के होने का रिस्क रहता है.
अल्जाइमर
मल्टीपल स्क्लेरोसिस
दौरे पड़ना
कैंसर
शरीर पर दाने निकलना
कौन से योग हैं फायदेमंद
सेतुबंधासन (ब्रिज पोज)
अधोमुख श्वानासन
शवासन (कॉर्प्स पोज)
सूर्य नमस्कार, शवासन
उत्तानपादासन
पवनमुक्तासन

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