महिलाओं में शुरुआत में चल सकता है सर्वाइकल कैंसर का पता, बस करा लें ये 2 टेस्ट
आज सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला सबसे सामान्य कैंसर बन गया है. इसी कैंसर की वजह से हर साल 1 लाख से ज्यादा महिलाएं अपनी जान गंवा रही है. ये कैंसर सर्विक्स में फैलता है चूंकि इसके लक्षण काफी लेट स्टेज में पता लगते हैं ऐसे में महिला की जान बचाना मुश्किल हो जाता है. लेकिन इस कैंसर का पता आप समय से पहले ही लगा लें तो महिला की जान बचाई जा सकती है. केवल दो सामान्य टेस्टों की मदद से इस कैंसर का पता समय रहते लगाया जा सकता है.
क्यों होता है सर्वाइकल कैंसर?
दरअसल, सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस जिसे एचपीवी वायरस के नाम से जाना जाता है कि वजह से होता है, ये वायरस पुरुषों से महिलाओं के सर्विक्स में प्रवेश करता है और फिर इंफेक्शन का कारण बनता है. अगर इसे ध्यान न दिया जाए तो इंफेक्शन को कैंसर बनते देर नहीं लगती. इसलिए एक्सपर्ट्स कहते हैं कि महिला को फिजिकली रिलेशन शुरू करने के बाद समय समय पर ये दो टेस्ट जरूर करवाने चाहिए ताकि अगर एचपीवी वायरस से सर्विक्स में कोई इंफेक्शन और कैंसर बन रहा है तो उसका समय रहते पता लगाया जा सके.
ये दो टेस्ट है जरूरी
टेस्ट स्क्रीनिंग की मदद से सर्वाइकल कैंसर और प्री कैंसर कोशिकाओं का पता लगाने में मदद मिलती है, जिसे अगर नजरअंदाज कर दिया जाए तो वो कोशिकाएं सर्वाइकल कैंसर में विकसित हो सकती है. इसलिए अधिकांश मेडिकल ऑर्गेनाइजेशन महिलाओं को 21 साल की उम्र के बाद से ही सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग करवाने की सलाह देती है और कुछ साल बाद ये टेस्ट दोबारा करवाए जाते हैं.
पैप स्मियर-सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए सबसे अहम टेस्ट है पैप टेस्ट जिसे पैप स्मियर के नाम से भी जानते हैं. इस टेस्ट के दौरान सर्विक्स की कोशिकाओं का सैंपल लिया जाता है जिसे लैब में टेस्ट करके ये पता लगाया जाता है कि सर्विक्स की कोशिकाएं स्वस्थ है या नहीं. कहीं इन कोशिकाओं में कैंसर का निर्माण तो नहीं हो रहा. इस टेस्ट से उन कोशिकाओं का भी पता लगाया जा सकता है जिनमें ऐसे परिवर्तन हो रहे हों जो आगे चलकर सर्वाइकल कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हों. इसलिए इन्हें प्री कैंसर कोशिकाएं भी कहा जाता है.ए
एचपीवी डीएनए परीक्षण-इस टेस्ट में किसी भी प्रकार के एचपीवी वायरस से होने वाले इंफेक्शन के खतरे को जानने के लिए सर्विक्स की उन कोशिकाओं का परीक्षण किया जाता है जिनसे सर्वाइकल कैंसर के होने की सबसे अधिक संभावना होती है.
इसके साथ ही आप इससे प्रिवेंशन के लिए वैक्सीन भी लगवा सकते हैं. ये वैक्सीन 9 से 14 साल की बच्चियों को सभी सरकारी चिकित्सा केंद्रों पर मुफ्त लगाई जाती हैं. लेकिन महिलाएं भी अपनी डॉक्टर से सलाह कर इस वैक्सीन को लगवा सकती है. इसे एचपीवी वैक्सीन के नाम से जाना जाता है. इस वैक्सीन की मदद से सर्वाइकल कैंसर से बचाव संभव है. तो अगर आप इस जानलेवा कैंसर से बचना चाहते हैं तो आप भी समय समय पर इसके लिए स्क्रीनिंग करवाएं साथ ही एचपीवी वैक्सीनेशन लेना न भूलें.