दक्षिणी चीन सागर में ‘ड्रैगन’ की दादागिरी के खिलाफ सिंगापुर को मिला भारत का साथ, पीएम मोदी के दौरे पर भी होगी चर्चा

प्रधानमंत्री मोदी के सिंगापुर दौरे को लेकर विदेश मंत्रालय ने अहम जानकारी दी है. MEA के सचिव जयदीप मजूमदार ने बताया है कि सिंगापुर की लीडरशिप के साथ प्रधानमंत्री समुद्री सुरक्षा को लेकर चर्चा करेंगे. प्रधानमंत्री लॉरेंस वोग के बुलावे पर पीएम मोदी 4 और 5 सितंबर को सिंगापुर के दौरे पर रहेंगे, इससे पहले वो ब्रुनेई का भी दौरा करेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी के आगामी विदेश दौरे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विदेश मंत्रालय ने बताया है कि समुद्री सीमा सुरक्षा को लेकर दोनों देशों की सोच लगभग एक जैसी है. उन्होंने कहा कि दक्षिणी चीन सागर को लेकर भारत सरकार के रुख से सभी वाकिफ हैं. वहीं सिंगापुर भी समुद्री संचार रेखा के लिए सुरक्षित और मुक्त आवागमन का समर्थक है.
चीन की दादागिरी से सिंगापुर परेशान
दरअसल चीन अपनी विस्तारवादी नीतियों के कारण कुख्यात है, जमीनी सीमा के साथ-साथ अब समुद्री सीमा को लेकर भी चीन के कई देशों के साथ विवाद है. जहां एक ओर भारत के कई इलाकों पर चीन अपना दावा ठोकता रहता है तो वहीं दूसरी ओर दक्षिणी चीन सागर के कुछ हिस्से को लेकर चीन और सिंगापुर के बीच तनाव रहता है. हालांकि साल 2019 में दोनों देशों के बीच समुद्री सीमा सुरक्षा और शांति को लेकर समझौता हो चुका है लेकिन बावजूद इसके चीन के साथ विवाद का डर बना रहता है.
चीन के खिलाफ भारत-सिंगापुर एकजुट
विदेश मंत्रालय के मुताबिक सिंगापुर भी भारत की ही तरह दक्षिणी चीन सागर को लेकर सुरक्षित और मुक्त समुद्री संचार के पक्ष में है. यानी इस मुद्दे पर दोनों देशों की राय मेल खाली है. ऐसे में इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत और सिंगापुर के बीच समुद्री सुरक्षा को लेकर चर्चा होगी. MEA के मुताबिक फिलहाल यह कहना मुश्किल है कि इस मुद्दे पर किस स्तर पर बातचीत होगी लेकिन यह इस क्षेत्र का बेहद अहम मुद्दा है.
लिहाज़ा प्रधानमंत्री मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोग के बीच द्विपक्षीय वार्ता में इस मुद्दे पर चर्चा होने की पूरी उम्मीद है. इसके अलावा दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के मुद्दा काफी अहम है. सिंगापुर भारत का छठा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, इस साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसके तहत प्रधानमंत्री मोदी सिंगापुर दौरे पर कई कंपनियों के CEO से भी मुलाकात करेंगे.
ब्रुनेई और सिंगापुर दौरे पर रहेंगे प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी 3 और 4 सितंबर को ब्रुनेई और 4-5 सितंबर को सिंगापुर की यात्रा पर रहेंगे. जयदीप मजूमदार ने बताया है कि इन दोनों देशों के साथ म्यांमार के हालात पर भी चर्चा हो सकती है. उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय वार्ता के दौरान अक्सर पड़ोसी देशों और उनके हालातों को लेकर चर्चा होती रहती है. उन्होंने कहा है कि सिंगापुर और ब्रुनेई भी आसियान देशों का हिस्सा हैं और द्विपक्षीय दौरे में इस तरह के मुद्दों पर चर्चा होती ही है जो क्षेत्र से जुड़े हों.
ब्रुनेई के साथ भारत के मजबूत संबंध
पीएम मोदी के ब्रुनेई दौरे को लेकर मजूमदार ने कहा है कि यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला ब्रुनेई दौरा है, जो कि भारत-ब्रुनेई के डिप्लोमेटिक संबंधों के 40 साल पूरे होने के मौके पर होने जा रहा है. इससे पहले ब्रुनेई के किंग हाजी हसनल बोलकिया ने 1992 और 2008 में भारत का राजकीय दौरा किया था. उन्होंने साल 2012 और 2018 में ASEAN इंडिया समिट में भी हिस्सा लिया था. वह गणतंत्र दिवस पर भारत के मुख्य अतिथि के तौर पर भी भारत आ चुके हैं.
मजूमदार ने बताया कि दोनों देशों के बीच संबंध काफी मजबूत हैं, दोनों देश कई क्षेत्रों में जैसे-रक्षा, व्यापार और निवेश, एनर्जी, स्पेस, टेक्नोलॉजी और हेल्थ में आपसी साझेदारी से काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि ब्रुनेई दौरे में प्रधानमंत्री मोदी द्विपक्षीय वार्ता करेंगे, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर होगा. वहीं प्रधानमंत्री उन नए क्षेत्रों को पर भी चर्चा करेंगे जहां दोनों देशों के बीच सहयोग किया जा सकता है. उनके मुताबिक ब्रुनेई में करीब 14 हजार भारतीय रहते हैं जो वहां कि सामाजिक और आर्थिक विकास में अपना अहम योगदान देते हैं. मजूमदार ने बताया है कि ब्रुनेई भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिटी और इंडो पैसिफिक क्षेत्र में एक अहम साझेदार की भूमिका निभाता है, लिहाजा प्रधानमंत्री का दौरा कई मायनों में काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है.

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