हरियाणा चुनाव: बीजेपी में बगावत से दो दर्जन सीटों पर कहीं बिगड़ न जाए खेल, डैमेज कंट्रोल में जुटी पार्टी
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी होते ही इस्तीफे की झड़ी लग गई है. बीजेपी के मौजूदा विधायक टिकट कटने के बाद बागी रुख अख्तियार कर रखे हैं. मनोहर लाल और नायब सरकार के मंत्री रणजीत सिंह चौटाला से लेकर विधायक लक्ष्मण नापा ने बगावत का बिगुल बजा दिया है. टिकट घोषित होने के बाद से बीजेपी के करीब 32 नेताओं ने पार्टी को अलविदा कह दिया है. इसके चलते प्रदेश की करीब दो दर्जन सीटों पर बीजेपी का सियासी समीकरण गड़बड़ता नजर आ रहा है, जिसके चलते पार्टी डैमेज कन्ट्रोल में जुट गई है. ऐसे में देखना है कि बीजेपी के बागी कितनी सीटों पर सियासी गेम बिगाड़ते हैं?
बीजेपी ने बुधवार को 67 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है, जिसमें तीन मंत्री सहित 9 विधायकों के टिकट काट दिए गए हैं. बीजेपी ने 40 सीट पर नए चेहरे उतारे हैं. टिकट नहीं मिलने से नाराज बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला, विधायक लक्ष्मण नापा, किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर श्योराण, प्रदेश उपाध्यक्ष जीएल शर्मा, सतीश खोला ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. इसके अलावा मंत्री बिशंभर वाल्मीकि, पूर्व मंत्री कविता जैन, सावित्री जिंदल और लतिका शर्मा ने नाराजगी जताई.
हरियाणा में बीजेपी इस बार पहले से ही सत्ता विरोधी लहर की चुनौतियों से जूझ रही है और अब टिकट न मिलने से नाराज नेताओं की नाराजगी ने टेंशन बढ़ा दी है. यही वजह है कि बीजेपी नेतृत्व डैमेज कंट्रोल में जुट गई है. हरियाणा विधानसभा चुनाव सह प्रभारी बिप्लब कुमार देब ने रोहतक स्थित पार्टी मुख्यालय में बैठक की और चार वरिष्ठ नेताओं को नाराज नेताओं को मनाने का जिम्मा सौंपा है. इसके बाद भी कई बीजेपी नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है.
हिसार-रानिया में बिगड़ेगा गेम
कुरुक्षेत्र से बीजेपी सांसद नवीन जिदंल की मां सावित्री जिंदल ने हिसार विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. बीजेपी ने इस सीट पर दोबारा से विधायक डॉ. कमल गुप्ता को उतारा है. सावित्री जिंदल और जिला उपाध्यक्ष तरुण जैन बीजेपी से टिकट मांग रहे थे, लेकिन कमल गुप्ता के नाम पर मुहर लगी. सावित्री जिंदल और तरुण जैन दोनों ही निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं. ऐसे में दोनों ही बागी चुनाव में उतरते हैं तो बीजेपी के लिए यह सीट जीतना आसान नहीं होगा. सावित्री इस सीट से कांग्रेस से विधायक रह चुकी हैं और उनकी अपनी सियासी पकड़ है.
वहीं, रानिया विधानसभा सीट से विधायक और बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला का बीजेपी ने टिकट काट दिया है. बीजेपी ने उनकी जगह शीशपाल कंबोज को टिकट दिया है. रणजीत चौटाला को बीजेपी ने डबवाली सीट से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था, लेकिन वो तैयार नहीं हुए, जिसके बाद उन्होंने बीजेपी से इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. 2019 में भी जब कांग्रेस ने उन्हें रानिया सीट से टिकट नहीं दिया था तो वो निर्दलीय लड़कर विधायक चुने गए थे. रणजीत चौटाला के उतरने से बीजेपी का खेल रानिया सीट पर गड़बड़ा सकता है.
बीजेपी नेता कांग्रेस में हुए शामिल
रतिया विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक लक्ष्मण नापा ने टिकट कटने के चलते पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कांग्रेस का दामन भी थाम लिया है. इसी क्षेत्र से किसान मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी सतपाल बाजीगर और गुरमीज बाजीगर ने भी बीजेपी को अलविदा कह दिया है. लक्ष्मण नापा के बीजेपी छोड़ने से रतिया सीट का समीकरण बिगड़ता नजर आ रहा है.
रादौर विधानसभा सीट पर भी पूर्व मंत्री कर्णदेव कांबोज ने बीजेपी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है, जिसके बाद पार्टी का सियासी खेल बिगड़ सकता है. सीएम सैनी उन्हें मनाने के लिए घर भी पहुंचे, लेकिन कांबोज ने शुक्रवार को अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है. माना जा रहा है कि कर्णदेव कांबोज विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला कर सकते हैं. बरवाला विधानसभा सीट से बीजेपी का टिकट न मिलने के बाद पार्टी के जिला सचिव और पार्षद महंत दर्शन गिरि ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इस तरह बरवाला सीट पर भी बीजेपी का सियासी गणित बिगड़ सकता है.
सफीदों और बेरी सीट बनी मुश्किल
सफीदों विधानसभा सीट से टिकट न मिलने के चलते बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व विधायक जसबीर देशवाल ने पार्टी छोड़ दी. निर्दलीय चुनाव लड़ने का भी ऐलान कर दिया है. इसके अलावा पूर्व मंत्री बच्चन सिंह आर्य ने इस्तीफा सौंप दिया है. बीजेपी ने जेजेपी से रामकुमार गौतम को उम्मीदवार बनाया है, जिसके चलते जसबीर देशवाल और बच्चन सिंह आर्य ताल बागी हो गए हैं. बीजेपी के लिए यह सीट काफी मुश्किल होती दिख रही है. बेरी सीट पर बीजेपी के टिकट न मिलने से बीजेपी किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष अमित अहलावत भी बागी हो गए हैं. इसके चलते ही बीजेपी के लिए सफीदों और बेरी सीट मुश्किल बनती दिख रही.
बीजेपी का बिगड़ सकता है समीकरण
उकलाना विधानसभा सीट पर बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सीमा गैबीपुर ने पार्टी को अलविदा कह दिया है. इतना ही नहीं बाढड़ा सीट के पूर्व विधायक और किसान मोर्चा अध्यक्ष सुखविंद्र मांढ़ी और पार्टी किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष विकास उर्फ भल्लेराम ने पार्टी छोड़ दी है. सुखविंद्र मांढ़ी के बागी तेवर से बीजेपी का समीकरण बाढड़ा सीट पर गड़बड़ता दिख रहा है तो उकलाना में सीमा गैबीपुर खेल बिगाड़ सकती है. इसी तरह बवानीखेड़ा सीट के विधायक और राज्यमंत्री बिशंभर वाल्मीकि का टिकट पार्टी ने काट दिया है. शुक्रवार को उन्होंने अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है, जिसमें आगे का फैसला करेंगे.
शशिरंजन परमार ने भी अपनाया बागी रुख
तोशाम विधानसभा सीट पर बीजेपी ने कांग्रेस से आई किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को प्रत्याशी बनाया है. तोशाम सीट से बीजेपी से पूर्व विधायक शशिरंजन परमार चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन श्रुति चौधरी के नाम पर मुहर लगने के बाद बागी रुख अपना लिया है. माना जा रहा कि वो अपने समर्थकों के साथ कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. सोनीपत सीट से टिकट मांग रही पूर्व मंत्री कविता जैन की उम्मीदों पर पानी फिर गया है, क्योंकि निखिल मदान को पार्टी ने उम्मीदवार बना दिया है. इसके बाद कविता जैन अपने समर्थकों के सामने फूट-फूट कर रोने लगीं. उन्होंने पार्टी नेतृत्व को टिकट बदलने के लिए तीन दिन का अल्टीमेटम किया है.
महम विधानसभा सीट से बीजेपी का टिकट मांग रही राधा अहलावत की उम्मीदों पर पानी फिर गया है. अब उनके पति शमशेर खरकड़ा ने 7 सितंबर को पैतृक गांव खरकड़ा में अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है. खरकड़ा गांव की पंचायत ने शमशेर का साथ देने का ऐलान किया है. राधा अहलावत निर्दलीय चुनाव लड़ सकती हैं.
कुलदीप यादव हुए बागी
अटेली सीट से टिकट के दावेदारी करने वाले भाजपा ओबीसी प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य व पंचायत एसोसिएशन के पूर्व प्रधान कुलदीप यादव ने बागी रुख अख्तियार कर रखा है. कोसली विधानसभा सीट से टिकट के दावेदार और फिल्म अभिनेता राजकुमार राव के रिश्ते में जीजा सुनील राव ने बीजेपी छोड़ दी है. कोसली सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं. सुनील राव ने प्रत्याशी अनिल डहीना को बदलने की मांग उठाई है. रेवाड़ी सीट से टिकट न मिलने पर डॉ. सतीश खोला और सन्नी यादव ने पार्टी छोड़ दी है. दोनों ही नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का भी ऐलान कर दिया है. ऐसे ही इसराना सीट पर सत्यवान शेरा को टिकट न मिलने पर उनकी पत्नि और भाजपा महिला मोर्चा की पानीपत जिलाध्यक्ष आशु शेरा ने पार्टी को अलविदा कह दिया है.
शशिकांत कौशिक पार्टी से नाराज
समालखा सीट से दो बार चुनाव लड़ चुके शशिकांत कौशिक ने बीजेपी से टिकट न मिलने के चलते नाराज है. इसी तरह मुलाना के पूर्व विधायक राजबीर बराड़ा के समर्थकों ने भी नाराजगी जताई. थानेसर क्षेत्र के जयभगवान शर्मा डीडी व कृष्ण लाल बजाज नाराज है. अब ये निर्दलीय मैदान में उतर सकते हैं. ऐसे ही गुरुग्राम सीट पर बीजेपी उपाध्यक्ष जीएल शर्मा और जिला मीडिया प्रभारी गजेंद्र गुप्ता ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. इसके अलावा नवीन गोयल ने पार्टी छोड़ते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है.
कृष्णमूर्ति हुड्डा भी पार्टी से नाराज
रोहतक की गढ़ी सांपला किलोई पर मंजू हुड्डा को टिकट दिए जाने से नाराज पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति हुड्डा ने कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है. माना जा रहा है कि कृष्णमूर्ती हुड्डा निर्दलीय ताल ठोक सकते हैं. सोहना सीट से टिकट कटने के बाद खेल मंत्री संजय सिंह नाराज है. शुक्रवार को अपने समर्थकों के संग बैठक कर चुनाव लड़ने पर फैसला कर सकते हैं. इसी तरह डबवाली सीट पर आदित्य देवीलाल चौटाला ने बागी तेवर अपनाया है. माना जा रहा है कि वो निर्दलीय चुनाव लड़ने की फिराक में है. बीजेपी डैमज कन्ट्रोल में जुटी है, लेकिन इसके बाद भी पार्टी नेताओं की नारजगी खत्म नहीं होती है तो फिर खेल बिगड़ सकता है.