कारगिल युद्ध पर पाकिस्तानी सेना का कबूलनामा, विक्रम बत्रा के पिता ने कह दी बड़ी बात
साल 1999 को हुए कारगिल युद्ध को 25 साल बीत गए हैं, जिस पर शुक्रवार को पाकिस्तान की सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने बयान दिया और युद्ध में पाकिस्तानी सेना की डायरेक्ट भागीदारी को स्वीकार किया. इस पर अब कारगिल युद्ध के हीरो कैप्टन विक्रम बत्रा के पिता जीएल बत्रा का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि अब डॉ. कालिया को न्याय मिलना चाहिए.
जीएल बत्रा ने कहा कि जब वह खुद इस बात को मान रहे हैं कि इसमें पाकिस्तानी सेना की भागीदारी थी, तो यह साफ हो गया कि उन सैनिकों पर जो भी अत्याचार किया गया वह पाकिस्तानी सेना सैनिकों ने ही किया था. अब 25 साल हो गए हैं. डॉ. कालिया और उनके पिता न्याय पाने के लिए इंटरनेशनल लॉ कोर्ट में लड़ रहे हैं. इस उम्मीद के साथ आगे बढ़ रहे हैं कि उन्हें न्याय मिलेगा.
#WATCH | Mandi, HP: On Pakistani media reports of Pakistan army chief General Asim Munir admitting his military’s direct involvement in the 1999 Kargil War against India, father of Kargil war hero Captain Vikram Batra, GL Batra says, “When they are saying that there was the pic.twitter.com/HKmweqbKC2
— ANI (@ANI) September 8, 2024
शांति से रहें दोनों देश
इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि जब पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने इस बात को स्वीकार कर लिया है कि पूरे कारगिल युद्ध की शुरुआत पाकिस्तानी सेना ने की थी, तो क्या उन बूढ़े माता-पिता के दिल को सुकून देने के लिए कुछ किया जा सकता है, तो ऐसा होना चाहिए. वो सारे माता-पिता, वो सारे बच्चे इस जिंदगी की जंग से कैसे आगे पहुंचे हैं. मैं चाहता हूं कि दोनों पड़ोसी मुल्क, पाकिस्तान अच्छे पड़ोसियों की तरह शांति से रहे. इसमें ही दोनों देशों की तरक्की है.
पाकिस्तान ने क्या कहा था?
शुक्रवार को रक्षा दिवस पर अपने भाषण के दौरान मुनीर ने भारत के साथ हुए तीन युद्धों के साथ-साथ कारगिल का भी जिक्र किया और पाकिस्तानी सशस्त्र बलों के सैनिकों की दी गई शहादत को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी राष्ट्र एक शक्तिशाली और बहादुर राष्ट्र है, जो स्वतंत्रता के मूल्य को समझता है और जानता है कि इसे कैसे बनाए रखना है. 1948, 1965, 1971, पाकिस्तान और भारत के बीच कारगिल युद्ध या सियाचिन में युद्ध, हजारों लोगों ने अपने जीवन का बलिदान दिया और देश की सुरक्षा के लिए शहीद हो गए.