नीतीश कुमार की कसम का कोई मतलब नहीं, जनता ने बंद कर दिए हैं दरवाजे… तेजस्वी का बिहार के सीएम पर तीखा हमला
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री कितनी बार कसम खा चुके हैं, बिहार की जनता तो छोड़िए किसी को भी यह याद नहीं होगा कि इधर (हमारे साथ) आए तो कितनी बार कसम खाई और उधर (बीजेपी के साथ) गए तो कितनी बार कसम खाई? उनकी कसम का कोई मतलब नहीं है. उन पर कोई विश्वास नहीं करता. हमने 2 बार उन पर दया कर दी. दोनों बार उनका वही रूप दिखा. इस बार कोई मतलब नहीं. अब तो जनता ने उनके लिए दरवाजे बंद कर दिए तो हम लोग कौन होते हैं. हमारे घर पर हाथ जोड़कर माफी मांगी, सभी विधायकों के सामने माफी मांगी, सदन में भी माफी मांगी है.
सीएम नीतीश पर व्यक्तिगत हमला बोलने के साथ ही कानून व्यवस्था को लेकर उन्होंने सरकार पर सवाल उठाए हैं. बीते दिन एक घटना को लेकर तेजस्वी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया. इसमें उन्होंने लिखा,बिहार में सत्ता के संरक्षण में अपराध फल-फूल रहा है. अपराधी जब चाहे, जहां चाहे, किसी को भी गोली मारकर भाग जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री से बिहार बिल्कुल भी नहीं संभल रहा
उन्होंने कहा कि राजग के कर्ता-धर्ता बढ़ते बेलगाम अपराध से बेखबर हैं. इधर-उधर में मस्त, व्यस्त और पस्त मुख्यमंत्री से बिहार बिल्कुल भी नहीं संभल रहा. इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने मंगलवार को राहुल गांधी के उस बयान का समर्थन भी किया, जिसमें उन्होंने कहा है कि लोकसभा चुनाव अगर निष्पक्ष हुए होते तो बीजेपी 240 सीट तक भी नहीं पहुंच पाती.
बीजेपी के साथ गठबंधन करने से पाप धुल जाते हैं
इस पर तेजस्वी ने कहा कि यह कोई रहस्य नहीं है कि बीजेपी के विरोधियों पर केंद्रीय जांच एजेंसियों को खुला छोड़ दिया जाता है. जैसा कि हमने महाराष्ट्र में देखा है. बीजेपी के साथ गठबंधन करने से पिछले सभी पाप धुल जाते हैं. तेजस्वी ने कहा कि जो 400 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रहे थे, वो महज 240 सीटों पर सिमट गए. ये तो अभी शुरुआत है.
विधानसभा चुनाव में महागठबंधन जीत दर्ज करेगा
तेजस्वी यादव ने कहा कि इस सरकार के खिलाफ लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है. अगले साल बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में महागठबंधन जीत दर्ज करेगा. हमें याद रखना चाहिए कि राज्य के चुनावों में स्थानीय मुद्दे ज्यादा अहमियत रखते हैं. अगर मतगणना के दिन गड़बड़ी न होती तो 2020 में ही महागठबंधन की सरकार बन गई होती. हमें राजग से सिर्फ 12 हजार कम वोट मिले थे.