पश्चिम बंगाल टीचर घोटाला मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने टाली, 24 सितंबर को होगी सुनवाई
पश्चिम बंगाल टीचर भर्ती घोटाले के मामले में दायर याचिका की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने 24 सितंबर तक के लिए टाल दी है. मुख्य न्यायाधीश (CJI) की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि समय की कमी के कारण अब 24 सितंबर को सुनवाई होगी.
दरअसल, राज्य सरकार और सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती को रद्द करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसका फैसला मंगलवार को होना था.
क्या था कलकत्ता हाईकोर्ट का फैसला ?
इससे पहले, कलकत्ता हाईकोर्ट ने 22 अप्रैल को सरकारी स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती को रद्द कर दिया था. साथ ही, इन शिक्षकों को सात से आठ साल के दौरान मिली सैलरी 12 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाने का निर्देश दिया था. इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया. सुप्रीम कोर्ट ने सभी नियुक्तियों को रद्द करना नासमझी बताया था और कहा था कि वैध और अवैध भर्तियों को अलग करने की जरूरत है.
पूरा मामला क्या है?
पश्चिम बंगाल सरकार ने 2016 में 25,753 पदों पर शिक्षकों की भर्ती निकाली. पूरे प्रदेश में शिक्षकों की बहाली की गई. लेकिन इसके खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई. आरोप है कि शिक्षक भर्ती में भारी पैसों का खेल हुआ और इन भर्तियों के लिए 5 से 15 लाख तक की घूस ली गई. इसके बाद इसे “शिक्षक भर्ती घोटाला” नाम दिया गया. मामले की सुनवाई में कलकत्ता हाईकोर्ट ने सभी भर्तियों को रद्द करने का आदेश दिया. जस्टिस देबांशु बसाक और जस्टिस मोहम्मद सब्बीर रशीद की पीठ ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि जो लोग लंबे समय से अवैध तरीके से काम कर रहे हैं, उन्हें ब्याज सहित सैलरी लौटानी होगी. साथ ही, कोर्ट ने जिलाधिकारी को निर्देश दिया था कि चार हफ्ते के अंदर इससे जुड़े सभी मामलों की जानकारी दें.