भारत में सिखों की सुरक्षा पर सवाल, क्या राहुल गांधी का दांव उलटा पड़ गया?

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अमेरिका के दौरे पर हैं. लोकसभा में विपक्ष का नेता बनने के बाद राहुल का ये पहला अमेरिकी दौरा है.
राहुल वहां किससे मुलाकात कर रहे हैं, क्या बयान दे रहे हैं इसपर बीजेपी ही नहीं पूरे देश की नजर है. राहुल वहां आरक्षण से लेकर भारत में सिखों की सुरक्षा पर बात कर चुके हैं. उन्होंने अमेरिका की विवादित सांसद इल्हाम उमर से भी मुलाकात की. इन मुद्दों पर बीजेपी राहुल पर हमलावर है. सबसे ज्यादा विवाद राहुल का सिखों पर दिए बयान को लेकर हो रहा है. राहुल भारत में सिखों की सुरक्षा पर बात कर रहे थे, लेकिन ऐसा लगता है कि उनका ये दांव उलट पड़ गया. बीजेपी जहां राहुल पर निशाना साध रही है तो वहीं खालिस्तानी नेताओं ने राहुल के बयान का स्वागत किया.
दरअसल, एक कार्यक्रम में राहुल से भारत में सिखों की सुरक्षा पर सवाल किया गया. जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि भारत में, लड़ाई एक सिख व्यक्ति के लिए पगड़ी और कड़ा पहनने और गुरुद्वारे जाने की है. उन्होंने आरएसएस पर कुछ धर्मों, भाषाओं और समुदायों को दूसरों से कमतर मानने का भी आरोप लगाया. राहुल ने कहा, लड़ाई इस बात को लेकर है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी या कड़ा पहनने की इजाजत दी जाएगी. या वह एक सिख के रूप में गुरुद्वारे में जाने में सक्षम होगा. लड़ाई इसी बारे में है. ये सिर्फ उसके लिए नहीं, सभी धर्मों के लिए है.
बीजेपी ने दिलाई 1984 दंगे की याद
राहुल के इस बयान को बीजेपी 1984 के दंगे से जोड़ रही है. बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि केंद्र में जब राहुल गांधी के परिवार की सरकार थी तब सिखों के साथ क्या हुआ था, ये सबको पता है. पुरी ने कहा कि जब से देश आजाद हुआ ऐसा पहली बार है सिख कम्युनिटी अपने आप को सबसे ज्यादा सुरक्षित महसूस करती है. उन्होंने आगे कहा कि इस सरकार ने सिख कम्युनिटी के लिए अच्छा काम किया है.
राहुल के बयान का विरोध जताने के लिए बीजेपी के सिख नेता सड़क पर उतर गए. उन्होंने दिल्ली में राहुल गांधी के घर के बाहर प्रदर्शन किया. बीजेपी दिल्ली के सिख प्रकोष्ठ ने राहुल से माफी की मांग की. प्रदर्शन के दौरान बीजेपी नेता आरपी सिंह ने कहा, राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने भारत को बदनाम करने के लिए विदेशी धरती का इस्तेमाल किया और सिखों के बारे में बयान दिया कि सिखों को पगड़ी पहनने और गुरुद्वारे में जाने की इजाजत नहीं है. इसके अलावा सिख समुदाय के प्रदर्शनकारियों ने राहुल गांधी के खिलाफ नारे लगाए और देश में 1984 के सिख विरोधी दंगों के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए सिखों को अपमानित करने के लिए उनसे माफी की मांग की.
बचाव में कांग्रेस ने मुसलमानों का लिया सहारा
राहुल पर बीजेपी के हमले का जवाब देने के लिए कांग्रेस के पवन खेड़ा मैदान में उतरे. उन्होंने कहा, क्या यह कहना गलत है कि सिखों को पगड़ी पहनने की आजादी होनी चाहिए और हम उस आजादी के लिए लड़ेंगे? इस पर बीजेपी को क्या आपत्ति है? क्या सिखों को पगड़ी पहनने की स्वतंत्रता नहीं रहनी चाहिए? यह वही पार्टी है जिसका नेता और देश के प्रधानमंत्री लोगों को उनके कपड़ों से पहचानने का दावा करते हैं. यह वही बीजेपी है जिसके कार्यकर्ता अक्सर मुसलमानों को पीटते हुए पाए जाते हैं.
राहुल के बयान का खालिस्तानी नेताओं ने किया स्वागत
राहुल गांधी के बयान को खालिस्तानी नेताओं ने दोनों हाथ से पकड़ लिया. खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू राहुल गांधी के बयान में समर्थन में आ गया. पन्नू ने राहुल के बयान को साहसिक बताते हुए अलग खालिस्तानी राष्ट्र की मांग को सही ठहराया.
पन्नू ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, भारत में सिखों के अस्तित्व पर खतरे को लेकर राहुल गांधी का बयान न केवल साहसिक और अग्रणी है, बल्कि 1947 से भारत में सत्तासीन सरकारों के तहत सिखों को जिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है, उसके तथ्यात्मक इतिहास पर भी आधारित है. उसने कहा, सिख होमलैंड, खालिस्तान की स्थापना के लिए पंजाब स्वतंत्रता जनमत संग्रह के औचित्य पर SFJ (सिख्स फॉर जस्टिस) के रुख की भी पुष्टि करता है.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *