IC-814 हाईजैक: विमान में रखा था न्यू ईयर का गिफ्ट ‘लाल बैग’, अजित डोभाल से था कनेक्शन
कंधार हाईजैक को लेकर एक और अहम जानकारी सामने आई है. आईसी-814 के बंधक एयरपोर्ट पर आतंक के खौफ का सामना करने के बाद जब वापस लौटने वाले थे तो हाईजैकर्स ने भारत की ओर से बातचीत करने के लिए पहुंचे अजीत डोभाल को चुपके बताया था कि विमान में नए साल का तोहफा छोड़ा गया है. डोभाल को भारत की ओर से मुख्य वार्ताकार के रूप में कंधार भेजा गया था. मौजूदा वक्त में वो देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, नए साल के तोहफे की जानकारी इस्लामाबाद में तब के भारतीय राजनयिक एआर घनश्याम अपनी पत्नी और पूर्व राजनयिक रुचि घनश्याम की किताब ‘एन इंडियन वुमन इन इस्लामाबाद’ में विस्तार से बताया है. घनश्याम अफगानिस्तान के कंधार गए थे और हाईजैकर से बातचीत की शुरुआत की थी.
भारत को छोड़ने पड़े थे तीन आतंकवादी
विमान अपहरण के कारण भारत को बंधकों की जान के बदले में तीन आतंकवादियों को रिहा करना पड़ा था. आतंकियों ने इस घटना को 24 दिसंबर 1999 को अंजाम दिया था और इंडिया एयरलाइंस के विमान को हाईजैक करने के बाद उसे अफगानिस्तान के कंधार एयरपोर्ट लेकर चले गए थे. इस घटना को लेकर हाल ही में ‘आईसी-814: द कंधार हाईजैक’ नाम की सीरीज आई है.
हाईजैकर्स में से एक ने डोभाल को चुपके से बताया था
घटना के समय एआर घनश्याम इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास में वाणिज्यिक परामर्शदाता थे. उन्हें सूचना मिली कि विमान में कुछ ऐसा रखा हुआ है जिसमें आधी रात को विस्फोट कर दिया जाएगा. उन्होंने किताब में बताया कि हाईजैकर्स में से एक ने चुपके से डोभाल को बताया था कि आईसी-814 विमान में भारत सरकार के लिए नये साल का तोहफा छोड़ा गया है.
दो साल बाद खुला बैग का रहस्य
किताब में किए गए दावे के अनुसार लाल बैग का रहस्य दो साल बाद ही खुल सका, जब 2001 में तालिबान की हार के बाद तत्कालीन तालिबानी विदेश मंत्री वकील अहमद मुत्तावकील को अमेरिका ने गिरफ्तार कर लिया था. बताया गया है कि लाल बैग हाईजैकर्स में से एक का था, इसमें विस्फोटक और संभवत: असली पासपोर्ट भी थे. जल्दबाजी में हाईजैकर्स उसे होल्ड में भूल गए थे. इसे लेने के लिए उनका वापस आने तक बंधकों को रिहा कर दिया गया था.
बैग थे रखे थे पांच ग्रेनेड
घनश्याम ने बताया कि उन्हें यह सुनिश्चित करने की सलाह दी गई थी कि चालक दल और दो राहत कैप्टन विमान के आस-पास न जाएं और वे लाल बैग को और उसमें रखी चीजों को देखने से भी बचें. कैप्टन सूरी को बाद में एक स्थानीय कार्यकर्ता से पता चला कि उन्हें एक बैग मिला था जिसमें पांच ग्रेनेड थे.