ईरान-इजराइल युद्ध के बीच क्या सोने की तेजी पर लगेगी लगाम, इस साल नहीं होगा 80000 के पार!
युद्ध हो या मंदी का दौर, सोने को हमेशा सुरक्षित निवेश ही माना गया है. तभी तो जैसे ही दुनियाभर में कहीं भी कोई संकट आता है, तो सोने के दाम बढ़ने लगते हैं. मुश्किल वक्त के लिए आम आदमी ही नहीं सरकारें भी सोना खरीदकर रखती हैं. जबकि मुसीबत की घड़ी में सोना ही गिरवी भी रखा जाता है. ऐसे में जब ईरान-इजराइल के बीच नई जंग छिड़ी तो सोने का भाव ऊपर जाने की उम्मीद करना लाजिमी था. इस बीच शेयर बाजार भी धड़ाम से गिरने लगा, तो लगा सोना अपनी चमक बिखेर रहा. लेकिन क्या अब इसकी तेजी पर लगाम लगने जा रही है?
ईरान-इजराइल युद्ध के बाद से सोने के भाव में तेजी देखी गई है, लेकिन सोने के दाम में बहुत ज्यादा तेजी देखने को नहीं मिली, क्योंकि इसके दाम तो 78,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक जा चुके हैं. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि क्या सोना 80,000 रुपए भी पार कर जाएगा?
सोना जाएगा 80,000 पार!
सोना 80,000 रुपए के पार जाएगा या नहीं, इस बारे में मार्केट एनालिस्ट और एचडीएफसी सिक्योरिटी के कमोडिटी हेड अनुज गुप्ता का कहना है कि सोना 80,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के भाव के पार जाएगा, लेकिन ऐसा 2025 के अंत तक ही होने की उम्मीद है. 2024 के अंत तक सोना के भाव 78,500 रुपए प्रति 10 ग्राम के आसपास सेटल हो सकता है.
अगर कमोडिटी मार्केट के एक्शन को भी देखें तो एमसीएक्स पर भी सोने का भाव हाई लेवल पर 76,560 रुपए प्रति 10 ग्राम तक गया है. जबकि गुरुवार को ये 76,244 रुपए के भाव पर क्लोज हुआ. खुले बाजार में 26 सितंबर को 78,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर को भी पार कर गया था.
बढ़ रही सोने और चांदी की डिमांड
भारत सरकार ने हाल में सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी को कम किया है. इसके बाद से सोने की घरेलू डिमांड बढ़ रही है. वहीं फेस्टिव सीजन में भी सोने की मांग बढ़े रहने की उम्मीद है. सोना अभी अपने लाइफ टाइम हाई पर है. फेस्टिव सीजन के दिसंबर के आखिर तक रहने के चलते इसकी कीमत ऊंची ही बनी रहने की उम्मीद है.
दूसरी ओर चांदी की इंडस्ट्रियल डिमांड बढ़ रही है. चीन ने अपनी इकोनॉमी, सप्लाई चेन और विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सेमीकंडक्टर बिजनेस को बूस्ट देने के लिए कई कदम उठाए हैं. इससे चांदी की कीमतों में उछाल देखा जा रहा है.एमसीएक्स पर दिसंबर डिलीवरी का चांदी का भाव 93,480 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया है.