ED का बड़ा एक्शन, वाटिका लिमिटेड के दिल्ली गुरुग्राम समेत 15 ठिकानों पर मारी रेड

ईडी ने गुरुवार को वाटिका लिमिटेड और उसकी सहयोगी संस्थाओं के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में दिल्ली और गुरुग्राम समेत 15 स्थानों पर छापेमारी की. इस दौरान ईडी ने निवेश से जुड़े दस्तावेज़, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन से लिए गए लोन के कागजात, और डिजिटल उपकरण जैसे पैन ड्राइव, हार्ड डिस्क, लैपटॉप, और मोबाइल फोन जब्त किए.
इस मामले में करीब 400 निवेशक शामिल हैं. जिन्हें वाटिका लिमिटेड के कमर्शियल प्रोजेक्ट में निवेश करने पर एश्योर्ड रिटर्न का वादा किया गया था.
जाचं अभी जारी है
ईडी ने दिल्ली और हरियाणा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा 2021 में दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की. जांच में यह सामने आया कि वाटिका लिमिटेड ने निवेशकों को भविष्य की परियोजनाओं में निवेश के लिए आकर्षित किया, लेकिन बाद में आश्वस्त रिटर्न का भुगतान बंद कर दिया और संबंधित इकाइयों को निवेशकों को नहीं सौंपा.
इसके अलावा वाटिका समूह से जुड़ी कंपनियों ने 5000 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण लिया, जिसमें से लगभग 1200 करोड़ रुपये इंडियाबुल्स कंपनी द्वारा वाटिका समूह और उसके प्रमोटर्स के साथ समझौते में माफ कर दिए गए.
ठगी का है आरोप
ईडी के सूत्रों के मुताबिक, वाटिका लिमिटेड और उसकी सहयोगी संस्थाओं के निदेशकों पर 2000 से अधिक निवेशकों के करोड़ों रुपये की ठगी का आरोप है. इन निवेशकों से कंपनी ने अपने प्रोजेक्ट्स में निवेश करवाया, लेकिन उन्हें समय पर रिटर्न नहीं दिया गया. इसके बजाय कंपनी ने जमा की गई राशि को किसी अन्य प्रोजेक्ट या कंपनी में डायवर्ट कर दिया. जांच में यह भी सामने आया है कि कंपनी ने समय-समय पर डीटीसीपी से लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करवाया और परियोजनाओं को समय पर पूरा करने में लापरवाही की है.
अब तक की जांच में लगभग 250 करोड़ रुपये के अपराध से संबंधित लाभ का पता चला है, और ईडी ने इस लाभ से जुड़े 200 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों की पहचान की है. अभी भी इस मामले में आगे की जांच जारी है.

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