72 घंटे की वो बैठक, जिससे खौफ में है पाकिस्तान की शहबाज सरकार

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में PTM (Pashtun Tahafuz Movement) काउंसिल की तीन दिवसीय बैठक शुक्रवार को शुरू हो गई. पाकिस्तान सरकार किसी भी सूरत में PTM काउंसिल की बैठक नहीं होने देना चाहती थी. इसी दौरान PTM काउंसिल की तैयारियों में जुटे कार्यकर्ताओं के साथ पाकिस्तानी पुलिस का हिंसक टकराव हुआ. जिसमें 3 PTM कार्यकर्ता मारे गए और कई घायल हो गए.
हालात इतने ज्यादा बिगड़ गए कि पाकिस्तानी सरकार को PTM बैठक करने की मंजूरी देनी पड़ी. कल बैठक के पहले दिन ही हजारों लोग पहुंचे. जिसे देखकर पाकिस्तान की शहबाज सरकार में खलबली मची है. बैठक के दौरान पख्तूनख्वा के लोगों की अनदेखी के लिए पाकिस्तान सरकार को जिम्मेदार ठहराया गया है.
कौन है PTM? जिससे डरी शहबाज सरकार
पश्तून तहफुज मूवमेंट (PTM) खैबर पख्तूनख्वा में एक्टिव है, इसका गठन 2014 में हुआ था. ये पश्तूनों के हितों के लिए उठाती है. इस इलके में PTM को बड़े पैमाने पर जनसमर्थन मिला है. जिससे डर कर पाकिस्तान सरकार ने उसपर प्रतिबंध लगाया है. सरकार का आरोप है कि PTM तालिबानी आतंकियों को मदद करता है. हालांकि PTM ने इन आरोपों को खारिज किया है.
बैठक से क्यों डर रही थी सरकार?
सरकार खैबर पख्तूनख्वा में PTM को बैठक नहीं करने देना चाहती थी, लेकिन भीड़ और PTM कार्यकर्ताओं की भीड़ को देखकर पाक सरकार और पुलिस बेबस हो गई. बैठक की इजाजत इस शर्त पर दी गई है कि बैठक में सरकार विरोधी नारेबाजी नहीं की जाएगी.
दरअसल PTM खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के हितों की बात करता है, जिसको लंबे समय से सरकार ने नजरअंदाज किया है. PTM की काई कार्यक्रमों में पाक विरोधी गतिविधियां भी देखी गईं हैं. पख्तूनख्वा प्रांत के प्रशासन ने पहले ही कहा था कि हमारे लिए क्षेत्र की शांति सबसे जरूरी है. बैठक के दौरान किसी को किसी दूसरे देश का झंडा नहीं उठाने दिया जाएगा, न ही कोई देश विरोधी नारे लगेंगे.

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