साल के पहले दिन लोगों को बड़ा झटका, ओएमसी ने की गैस सिलेंडरों के दाम में बढ़ोत्तरी

आज साल 2023 का पहला दिन है और सभी अपने परिवारों के साथ खुशियां मनाने में व्यस्त हैं। इस बीच ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) ने नए साल 2023 के पहले ही दिन रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोत्तरी कर ग्राहकों को बड़ा झटका दे दिया है।

ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने कमर्शियल सिलेंडर के दाम 25 रुपये तक बढ़ा दिए हैं। हालांकि, घरेलू सिलेंडर की दरों में बदलाव नहीं किया गया है और वे अपनी मौजूदा कीमतों पर ही बिकेंगे।

वाणिज्यिक एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि

OMCs ने 1 जनवरी, 2023 से वाणिज्यिक सिलेंडर की दरों में 25 रुपये तक की वृद्धि की है। इस फैसले से रेस्तरां, होटल आदि में भोजन करना महंगा हो जाएगा। हालांकि, यह आम लोगों के बजट को प्रभावित नहीं करेगा, क्योंकि घरेलू एलपीजी सिलेंडर पर इसका कोई असर नहीं पड़ने वाला है। उनकी कीमत फिलहाल नहीं बढ़ाई गयी है।

बड़े महानगरों जैसे दिल्ली में कमर्शियल गैस सिलेंडर के ताजा रेट 1768 रुपये, मुंबई में 1721 रुपये हो चुके हैं। इसके चलते यहां के रेस्तरां और होटल मालिकों ने सिर पर हाथ रख दिया है। नये साल के अवसर पर भारी संख्या में लोग परिवार के साथ बाहर खाना खाने जाते हैं, ऐसे में रेस्तरां मालिकों को जितना मुनाफा होता, उसका अधिकतर अब सिलेंडर खरीदने में चला जायेगा। हालांकि, बात करें घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत की तो दिल्ली में ये 1053 रुपये, मुंबई में 1052.5 रुपये कोलकाता में 1079 रुपये और चेन्नई में 1068.5 रुपये में बिक रहे हैं।

लगातार गैस सिलेंडर की कीमत में बढ़ोत्तरी से परेशान लोग

ओएमसी ने पिछली बार 6 जुलाई 2022 को घरेलू सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी की थी। इसे संचयी रूप से बढ़ाकर 153.5 रुपये कर दिया गया था। कीमतों में चार बार बढ़ोतरी की गई है। ओएमसी ने पहली बार मार्च 2022 में 50 रुपये की बढ़ोतरी की, फिर मई महीने में फिर से 50 रुपये और 3.50 रुपये की बढ़ोतरी की। आखिरकार कंपनियों ने पिछले साल जुलाई में घरेलू सिलेंडर की कीमतों में 50 रुपये की बढ़ोतरी की थी, जिसके बाद लोगों में भारी आक्रोश देखा गया था।

कई राज्यों में लगातार घरेलू गैस सिलेंडरों की कीमतों में वृद्धि के कारण विरोध प्रदर्शन किया गया। दैनिक जरूरत की वस्तु के दिन पर दिन दाम बढ़ाये जाने से कई गरीब घरों में तो लोगों ने सिलेंडर लेने ही बंद कर दिये और एक बार फिर लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाने लगे हैं, तो वहीं मध्यम वर्ग के लोग भी भारी संकट में फंस गये।  

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