ग्रेनेड, गोला-बारूद, IED, डेटोनेटर, ड्रोन… कश्मीर में हथियारों की सप्लाई कर रहा TTP

जम्मू-कश्मीर समेत पंजाब में सुरक्षा एजेंसियों को कुछ ऐसे सबूत मिले हैं, जिससे भारत-पाकिस्तान सीमा पर हथियारों की इस वर्ष सप्लाई में बढ़ोतरी देखने को मिली है और अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या आतंकी संगठन हथियारों की सप्लाई को फिर से बहाल करने की कोशिश में जुट गए हैं? सूत्रों के अनुसार केंद्रीय एजेंसियों और विभिन्न फोर्सेज ने जनवरी की शुरुआत में एक उच्च-स्तरीय बैठक के दौरान मुख्य रूप से भारत पाकिस्तान सीमा क्षेत्र में ग्रेनेड, गोला-बारूद, एके सीरीज के हथियार, आईईडी, डेटोनेटर और वायरलेस उपकरणों जैसे हथियारों की बढ़ती बरामदगी पर चिंता व्यक्त की.

इससे अधिक पंजाब और जम्मू-कश्मीर में एके सीरीज के हथियारों सहित कुछ विदेशी प्रकार के हथियारों और आईईडी की बरामदगी में बढ़ोतरी देखी गई है. सरकार ने आकलन किया कि इन हथियारों की आपूर्ति पीओके में घुसपैठ की कोशिश कर रहे आतंकी संगठनों को की गई होगी और इन हथियारों में उच्च श्रेणी के ड्रोन भी शामिल हैं.

तालिबान से हो रही है हथियारों की तस्करी

सूत्रों के अनुसार आतंकी संगठनों द्वारा हथियारों की प्राप्ती के लिए सप्लाई की बहाली और हाल में आतंकी हमले में इस्तेमाल अमेरिका में बनी एम 4 कार्बाइन राइफल समेत कुछ हाई टेक ड्रोन से यह संकेत मिलता है कि ये हथियार अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान से निकलते समय वहां छोड़ दिए हैं. फंड रेजिंग के लिए तालिबान अब इन हथियारों को पाकिस्तान समेत अन्य देशों में तस्करी के जरिए बेच रहा है.

कश्मीर बीएसएफ के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, कश्मीर हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति के लिए शीर्ष विकल्प बना हुआ है. साल 2023 में 31 एके सीरीज हथियार, 240 पिस्टल, 43 ग्रेनेड, 1927 राउंड्स, 6 आईईडी, अन्य गोला बारूद जब्त किए गए. गोला-बारूद की बरामदगी में वृद्धि हुई है, जबकि ग्रेनेड की बरामदगी में वृद्धि देखी गई है. वर्ष 2022 में बीएसएफ और उनकी सहयोगी सुरक्षा एजेंसियों ने कश्मीर घाटी में अलग-अलग ऑपरेशनों में भारी संख्या में हथियार जब्त किए. जब्त हथियारों में एके सीरीज की 24 राइफलें, अमेरिकी एम सीरीज की दो राइफलें, 20 रिवाल्वर व पिस्तौल, 27 हैंड ग्रेनेड और दो किलोग्राम विस्फोटक बरामद किए थे.

आतंकियों के पास से मिले अमेरिकी हथियार

बीते दो महीने (नवंबर-दिसंबर) से अधिक समय के आंकड़ों के मुताबिक सीमा सुरक्षा बल ने करीब 20 ड्रोन पकड़े हैं. बाजार में 1.5 लाख रुपये से 11 लाख रुपये के बीच कीमत वाले ये ड्रोन पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठनों की रणनीति में बदलाव का संकेत देते हैं.

सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, पुंछ में हाल ही में हुए हमले जिस में चार सैनिक शहीद हुए थे. इस हमले के लिए जिम्मेदार आतंकी संगठन ने वायरल किए तस्वीरों में अमेरिका में बनी एम4 कार्बाइन असॉल्ट राइफलों के इस्तेमाल का प्रदर्शन किया था. भारत-पाकिस्तान सीमा की सुरक्षा करने वाली बीएसएफ के आंकड़ों के मुताबिक, जवानों ने गुरदासपुर इलाके से एके सीरीज के हथियार बरामद किए थे, जो पिछले साल पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के जरिए सप्लाई किए गए थे.

बीएसएफ के साथ-साथ अन्य एजेंसियों द्वारा यह देखा गया है कि पाकिस्तान ने उच्च-स्तरीय महंगे ड्रोन का उपयोग करके ड्रग्स, हथियार और गोला-बारूद भेजने की अपनी रणनीति बदल दी है. ये एचडी ड्रोन महत्वपूर्ण ऊंचाई पर उड़ सकते हैं और तेज रफ्तार के साथ भारी पेलोड ले जा सकते हैं, जो भारत-पाक सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों के लिए चुनौती पेश करते हैं.

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