सोने की अयोध्या, जानें कहां है ये और किसने इसे बनवाया? खूबसूरत तस्वीरें देखकर हैरान रह जाएंगे आप
सोने की यह अयोध्या राजस्थान के अजमेर में सोनी जी की नसियां में स्थित है. लगभग 130 साल पहले इस स्वर्ण नगरी को बनाकर तैयार किया गया था. इसे बनाने में 25 वर्ष लगे थे. यहां सुरक्षा के लिए सोने की अयोध्या और झांकियों को कांच और लाल पत्थर की दीवार से कवर किया गया है.
सोनी जी की नसियां के ट्रस्टी प्रमोद सोनी ने बताया 130 साल पहले सेठ मूलचंद नेमीचंद सोनी ने सोनी जी की नसियां का निर्माण शुरू कराया था. उनके बेटे सेठ भागचंद सोनी ने इसका निर्माण पूरा करवाया. इस नसियां के अंदर सोने की परत चढ़ी अयोध्या रखी गई है. नसियां का निर्माण 10 अक्टूबर 1864 में प्रारंभ हुआ था. वह 1865 में पूरा हुआ.
सन् 1895 में सोने की अयोध्या का निर्माण शुरू किया गया. इसे बनने में 25 साल लगे थे. इसका निर्माण जयपुर में किया गया था. काम पूरा होने पर सन् 1895 में जयपुर में दस दिन तक विशाल मेला लगा. तत्कालीन जयपुर महाराजा माधोसिंह भी इसमें शामिल हुए थे. इसे कुछ दिन जयपुर के अलबर्ट हॉल में रखा गया. उसके बाद सोने की अयोध्या को अजमेर में बनी सोनी जी की नसियां में रखा गया.सन् 1953 में सोनी जी की नसियां में मान स्तंभ का निर्माण किया गया. नगरी में भगवान ऋषभदेव के पंच कल्याणक को भी दिखाया गया है. यह आचार्य जिनसेन द्वारा रचित आदिपुराण पर आधारित है. सोने की अयोध्या को सही ढंग से दिखाने के लिए सोनजी की नसियां में 24.3 मीटर x 12.2 मीटर का खास हॉल बनाया गया है.
यह हॉल कांच और लाल पत्थर की दीवार से बना है. लोग कांच की खिड़की की मदद से इस सोने की नगरी को देख सकते हैं. इसका प्रवेश शुल्क बहुत कम है. यह पूरे साल हर दिन सभी धर्मों के लोगों के लिए खुला रहता है. यहां सालाना देसी विदेशी करीब चालीस से पचास हजार मेहमान आते हैं. अयोध्या समेत सभी झांकियां तांबे से बनाकर उन पर सोने की परत चढ़ाई गई है.