भारत के बैन से चमकी पाकिस्तान की किस्मत, रिकॉर्ड स्तर पर चावल निर्यात, मिल रही ऊंची कीमत

भारत सरकार के चावल के निर्यात पर बैन का पाकिस्तान को जबरदस्त फायदा हो रहा है। पाकिस्तान का चावल निर्यात इस साल जून तक रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने की संभावना है। भारत के निर्यात पर लगाए अंकुशों की वजह से दुनिया के खरीदारों को इस्लामाबाद से ही चावल की खरीदारी करनी पड़ रही है। पाकिस्तान के चावल की मांग बढ़ रही है तो इसका सीधा असर कीमतों पर भी हो रहा है। इसका नतीजा ये निकला है कि पाकिस्तान को चावल का बीते 16 साल का सबसे ज्यादा दाम मिल रहा है।

भारत विश्व में चावल का सबसे बड़े निर्यातक देश है। भारत सरकार ने बीते साल अपने यहां से चावल निर्यात पर रोक लगा दी है। विश्व के चावल कारोबार में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले भारत ने बीते वर्ष अप्रत्याशित कदम उठाते हुए गैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के अलावा परमल चावल के निर्यात पर शुल्क लगा दिया था। इसका फायदा पाकिस्तान को हो रहा है और उसे घटते विदेशी मुद्रा भंडार में भी राहत मिली है।

50 लाख टन पहुंच सकता है पाकिस्तान का निर्यात

पाकिस्तान के चावल निर्यातकों की एसोसिएशन के चेयरमैन चेला राम केवलानी ने कहा, बीते कुछ महीनों के दौरान हमारे चावल की मांग बढ़ी है। इसका बड़ा कारण भारत का निर्यात पर रोक लगाना है। हमें लगता है कि पाकिस्तान का निर्यात साल 2023-24 में 50 लाख टन तक पहुंच सकता है। जो पिछले साल के 3.7 मिलियन टन से काफी ज्यादा है। वहीं पाकिस्तान के कुछ कुछ उद्योग अधिकारी इस साल उत्पादन में पर्याप्त सुधार को देखते हुए निर्यात 5.2 मिलियन टन तक पहुंचने की बात कह रहे हैं। उच्च उत्पादन और ऊंची वैश्विक कीमतें पाकिस्तान को तीव्र गति से निर्यात करने की अनुमति दे रही हैं। दिसंबर में ही पाकिस्तान ने करीब 7,00,000 टन चावल निर्यात किया। कराची के इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में प्रोफेसर आदिल नखोदा का कहना है कि पाकिस्तान को इस साल चावल निर्यात से 3 अरब डॉलर से अधिक की आय हो सकती है, जो पिछले साल के 2.1 अरब डॉलर काफी ज्यादा है।

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