‘अक्षम’ हेल्थ सेक्रटरी को हटाइए…अस्पतालों पर एलजी के लिखे खत पर सीएम केजरीवाल का जवाब

उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर दिल्ली सरकार के तहत आने वाले अस्पतालों की दयनीय स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है। सक्सेना ने तीन फरवरी को लिखे अपने पत्र में, मीडिया में आई खबरों का संदर्भ भी दिया है। रविवार को केजरीवाल ने सक्सेना को चिट्ठी लिखकर यह बताया कि उन्हें उनका पत्र मिल गया है। केजरीवाल ने अपने पत्र में दिल्ली के स्वास्थ्य और वित्त सचिवों को जल्द से जल्द हटाने की मांग करते हुए कहा कि इन दोनों नौकरशाहों ने अपने मंत्रियों के आदेशों का पालन नहीं किया, जिसके चलते दिल्ली की स्वास्थ्य प्रणाली इस स्थिति में पहुंच गई है।

एलजी का सीएम केजरीवाल के नाम पत्र

दिल्ली के एलजी सक्सेना ने अपने पत्र में कहा, ‘मैं जीएनसीटीडी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार) के स्वास्थ्य विभाग के तहत अस्पतालों की दयनीय स्थिति के संबंध में अपनी निराशा और चिंता व्यक्त करते हुए पत्र लिख रहा हूं।’ सक्सेना ने कहा, ‘भले ही आप और आपके मंत्रियों की ओर से लगातार इसके विपरीत बड़े-बड़े दावे किए गए हों, लेकिन दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की निराशाजनक स्थिति पर माननीय दिल्ली हाई कोर्ट की तीखी टिप्पणियों को रेखांकित करती खबरों ने ऐसी समस्या को उजागर किया है, जो गहरी जड़ें जमा चुकी हैं।’

वीके सक्सेना ने कहा कि दिल्ली अपने नागरिकों की भलाई को प्राथमिकता देती एक विश्व स्तरीय स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की हकदार है, न कि प्रणालीगत शिथिलता और उपेक्षा से ग्रस्त प्रणाली की। उन्होंने दिल्ली सरकार की ओर से संचालित अस्पतालों से संबंधित अदालती मामलों से जुड़ी खबरों का भी संदर्भ दिया। सक्सेना ने पत्र में कहा कि ये मुद्दे केवल प्रशासनिक मुद्दे नहीं हैं, ये सरकार के मौलिक कर्तव्यों, वास्तव में स्वास्थ्य के मौलिक अधिकार का प्रत्यक्ष उल्लंघन हैं, और देश की राजधानी की बदनामी का कारण हैं। उन्होंने दिल्ली सरकार के प्रमुख अस्पतालों में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की स्थिति पर जल्द से जल्द एक तथ्यात्मक रिपोर्ट भी मांगी।

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