हर 15 मिनट में आवाज देने वाला घंटा आज है ‘गूंगा’, इतिहास है सदियों पुराना

नवाब मसूद अब्दुल्ला ने बचपन की यादों का जिक्र करते हुए बताया कि वे घंटाघर के पास बने पार्क में खेलते थे. और हर जुम्मे की रात को हुसैनाबाद ट्रस्ट के कर्मचारी घंटाघर में चाबी भरने जाते थे. एक बार चाबी भरने के बाद पूरा 1 हफ्ते घड़ी चलती थी.

हर 15 मिनट के बाद घंटा बजता था. उसकी आवाज बहुत मधुर होती थी और काफी दूर तक गूंजती थी. उन्होंने बताया कि जब दरवाजा खुलता था और वे घंटाघर के अंदर जाते थे, तो वहां पहले कुछ पत्थर की सीढ़ियां होती थीं. फिर लकड़ी की सीढ़ियां और फिर वो पतली होते होते लोहे की सीढ़ियों पर पहुंचते थे.हर 15 मिनट में आवाज देने वाला घंटा आज है ‘गूंगा

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