बच्चों में भी बढ़ रही है डायबिटीज की समस्या, अगर नजर आ रहे हैं ये लक्षण तो हो जाइए सावधान

डायबिटीज वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ती गंभीर बीमारी है, इसका सभी उम्र के लोगों में खतरा हो सकता है। कुछ दशकों पहले तक डायबिटीज को उम्र बढ़ने के साथ होने वाली बीमारी के तौर पर जाना जाता था, हालांकि जिस तरह से लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी बढ़ती जा रही है, कम उम्र के लोगों में भी इस क्रोनिक बीमारी का निदान किया जा रहा है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बढ़े हुए ब्लड शुगर के स्तर के कारण शरीर के कई अंगों पर नकारात्मक असर हो सकता है, इसलिए सभी लोगों को मधुमेह रोग से बचाव के लिए अलर्ट रहने की आवश्यकता है।

अध्ययनकर्ताओं ने बताया, हाल के कुछ वर्षों में बच्चों में भी डायबिटीज का जोखिम बढ़ते हुए देखा जा रहा है। बच्चों में मुख्यरूप से टाइप-1 डायबिटीज का खतरा होता है, पर कुछ बच्चों को टाइप-2 का भी शिकार पाया जा रहा है। कम उम्र में मधुमेह की समस्या, कई प्रकार की जटिलताओं को बढ़ाने के साथ क्वालिटी ऑफ लाइफ को भी प्रभावित करने वाली हो सकती है।

बच्चों में टाइप-1 डायबिटीज के मामले सबसे अधिक

टाइप-1 डायबिटीज आमतौर पर बच्चों और युवा वयस्कों में होता है। यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जहां शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अग्न्याशय में इंसुलिन पैदा करने वाली कोशिकाओं पर ही हमला कर देती है। परिणामस्वरूप, हमारा शरीर रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार हार्मोन- इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है।

टाइप-1 डायबिटीज के अधिकतर मामलों में रोगी को जीवनभर इंसुलिन लेने की आवश्यकता हो सकती है। वहीं टाइप-2 डायबिटीज मुख्य रूप से वयस्कों में देखी जाती है, हालांकि बच्चे भी इसके शिकार हो सकते हैं।

बच्चों में डायबिटीज के लक्षणों को पहचान और समय रहते इसका उपचार किया जाना बहुत आवश्यक हो जाता है।

 

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