गंभीर से गंभीर समस्याओं के लिए इन मंत्रों का करें जप, हर तरह के कष्ट होंगे पलभर में दूर
अक्षर से शब्द बनता है, शब्द से मंत्र बनता है। मन्त्र में या मन्त्र से या मन्त्र के द्वारा एक शक्ति जागृत होती है। सृष्टि के प्रारंभ में शिवजी ने जो नृत्य किया, उस नृत्य से चौदह प्रकार की ध्वनियां प्रवाहित हुईं और इन ध्वनियों को ही मंत्रों का मूल आधार माना जाता है। मंत्र ईश्वरीय शक्ति है, जिसके द्वारा मनुष्य की गुप्त शक्तियों का उदय होता है और जिसके नियमित स्मरण एवं चिंतन करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। जीवन में सभी के साथ अनेक प्रकार की समस्याऐं साथ-साथ चलती हैं। यह समस्याएं कभी-कभी व्यक्ति को अत्यधिक परेशान कर डालती हैं। विवाह में विलम्ब हो, कार्य में सफलता नहीं मिल रही हो, अथवा बीमारियों से परेशान हों तो दवा के साथ सबसे सरल एवं व्ययशून्य उपाय है, मंत्रों का जप।
मंगलदायक विवाह के लिए
विवाह को लेकर चिन्तित युवतियों को मां कात्यायनी की आराधना मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त करने के लिए करनी चाहिए, वहीं अपने सपनों की रानी ढूंढ़ने वाले युवकों को मनोवांछित पत्नी प्राप्ति के लिए दुर्गा सप्तशती में वर्णित मंत्र का जप करना चाहिए।
रोग नाश के लिए
बीमारी के कारण अगर किसी व्यक्ति के लिए बिस्तर उसका साथी और दवाइयां उसका भोजन बन जाती हैं, तो ऐसे में रोग मुक्ति हेतु नीचे वर्णित रोग नाशक एवं आरोग्य प्राप्ति दोनों मंत्रों का जप विशेष लाभदायक रहता है।
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा, रूष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां, त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।।
आरोग्य और सौभाग्य प्राप्ति के लिए –
देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि में परमं सुखम् ।